बेंगलुरु, छह अप्रैल केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा कि कोविड महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बनीं प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद मुद्रास्फीति को छह प्रतिशत या इससे नीचे रखा गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार महंगाई के मुद्दे पर बेहद संवेदनशील और कदम उठाने वाली है।
सीतारमण ने कहा कि कोविड महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध का भारत में आयात होने वाली वस्तुओं की कीमतों पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सब्सिडी सहित कई उपाय किए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “क्या आप हर जगह मौजूद स्थिति की तुलना करेंगे, खासकर कोविड और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद? जिन (कीमतों पर) वस्तुओं का हम आयात करते हैं, वे सभी आसमान छू रही हैं। इनका उत्पादन भारत में नहीं होता है। हम पूरी तरह से आयात करते हैं। क्या वह मूल्यवृद्धि मेरी है? लेकिन वह कीमत मुझे प्रभावित करती है। और वहां, मुझे समर्थन देना है।”
उन्होंने कहा, “प्रतिकूल परिस्थितियों में भी मुद्रास्फीति छह प्रतिशत या इससे नीचे रखी गई है। कई बार यह ऊपर चली जाती है। फिर हम रिजर्व बैंक के साथ मिलकर काम करते हैं।”
उन्होंने कहा कि यहां यह संभव नहीं होता है, जैसे कच्चा तेल और घरेलू गैस, जो आयात होता है, तो सरकार सब्सिडी देने की कोशिश करती है।
सीतारमण ने कहा, “हो सकता है कि यह पर्याप्त न हो, लेकिन हम सब्सिडी देने की कोशिश करते हैं। हमें अधिक आधार पर आयात की अनुमति देनी होगी और सीमा शुल्क कम करना होगा ताकि अधिक खाद्य तेल आ सके।”
उन्होंने कहा कि मेंगलुरु हवाई अड्डे के आसपास खाद्य तेल के कंटेनर बनाए जा रहे हैं।
सीतारमण ने कहा, “मुद्रास्फीति कम करने के लिए यह कदम अल्प एवं मध्यम अवधि के हैं, जिससे आम लोगों की परेशानियों को कम किया जा सके।”
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)