ताजा खबरें | राज्यसभा से निलंबित हुए डेरेक ओब्रायन, बावजूद सदन में रहने पर मामला विशेषाधिकार समिति को भेजा गया

नयी दिल्ली, 14 दिसंबर संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन सुरक्षा में हुई चूक के मुद्दे पर चर्चा कराने की विपक्ष की मांग को लेकर हुए हंगामे के दौरान ‘अमर्यादित आचरण’ करने के लिए तृणमूल कांग्रेस सदस्य डेरेक ओब्रायन को बृहस्पतिवार को मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया। बावजूद उनके सदन में ही मौजूद रहने के कारण कार्यवाही बार-बार बाधित हुई और अंतत: दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।

निलंबित सदस्य ओब्रायन के आचरण पर गौर करने के लिए उच्च सदन की विशेषाधिकार समिति को एक प्रस्ताव भेजा गया और उसे तीन महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया।

उच्च सदन की शुरूआत ही बृहस्पतिवार को हंगामे से हुई और विपक्षी सदस्यों ने संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन सुरक्षा में चूक विषय पर चर्चा कराने और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर हंगामा किया। इसी दौरान तृणमूल सदस्य ओब्रयान को ‘अमर्यादित आचरण’ के लिए मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।

विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सदन के नेता पीयूष गोयल ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे धवनि मत से पारित कर दिया गया।

भोजनावकाश से पहले उच्च सदन की बैठक दो बार स्थगित हुई।

इसके बाद दोपहर दो बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर भी ओब्रायन सदन में ही मौजूद रहे। इस दौरान विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी और संसद की सुरक्षा में चूक विषय पर गृह मंत्री के बयान की मांग करने लगे।

सदन में हंगामे और निलंबित ओब्रायन की मौजूदगी के कारण सभापति ने कार्यवाही दोपहर बाद ढाई बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

ढाई बजे जब सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो सभापति धनखड़ ने इस बात पर आपत्ति जताई कि निलंबन का प्रस्ताव पारित होने के बावजूद ओब्रायन सदन में मौजूद हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह प्रस्ताव की अवहेलना कर रहे हैं और आसन की अवमानना कर रहे हैं। उनके आचरण ने सदन को पंगु बना दिया है...लोगों पर सदन की कार्यवाही का बोझ पड़ता है। जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए हम सब बाध्य हैं।’’

धनखड़ ने ओब्रायन से सदन से बाहर जाने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि निलंबित सदस्य सदन से बाहर नहीं गए हैं इसलिए सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित की जाती है।’’

हालांकि तीन बजे सदन की बैठक फिर शुरू होने पर भी डेरेक ओब्रायन सदन में मौजूद थे। इस पर सभापति धनखड़ ने कहा कि निलंबित सदस्य ओब्रायन सदन में मौजूद हैं जो सदन के प्रस्ताव और आसन के निर्देशों की अवहेलना है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह आचरण नियमों का घोर उल्लंघन है और एक सदस्य का इस प्रकार का आचरण करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस वजह से सदन का कामकाज प्रभावित हुआ है। मैं निलंबित सदस्य डेरेक ओब्रयान को एक और मौका देता हूं कि वह सदन से बाहर चले जाएं।’’

यह कहते हुए कि निलंबित सदस्य डेरेक ओब्रायन अब भी निर्देशों की अवज्ञा कर रहे हैं, उन्होंने सदन की कार्यवाही चार बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

अपराह्न चार बजे बैठक शुरू होने पर भी ओब्रायन सदन में मौजूद थे और सभापति ने उनकी मौजूदगी पर आपत्ति जताई।

सभापति ने निलंबन संबंधी पारित प्रस्ताव के अनुपालन में ओब्रायन को सदन से बाहर जाने को कहा। उन्होंने कहा कि निलंबन के बावजूद ओब्रायन का सदन में बने रहना गंभीर उल्लंघन है।

इसके बाद सदन के नेता पीयूष गोयल ने नियम 192 के तहत इस मुद्दे को राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूर कर लिया।

धनखड़ ने कहा कि प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है और यह मामला राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति को भेजा जाता है जो तीन महीने की अवधि के भीतर इस विषय पर गौर कर अपनी रिपोर्ट देगी।

धनखड़ ने फिर से ओब्रायन से आग्रह किया कि वह सदन से बाहर चले जाएं लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

इस दौरान विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और सभापति ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।

संसद की सुरक्षा में चूक की बड़ी घटना बुधवार को उस वक्त सामने आई जब लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो लोग सदन के भीतर कूद गए, नारेबाजी करने लगे और ‘केन’ के जरिये पीले रंग का धुआं फैला दिया। घटना के तत्काल बाद दोनों को पकड़ लिया गया।

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