फिरोजपुर/चंडीगढ़, 20 दिसंबर : पंजाब के मंसूरवाल गांव में शराब की एक फैक्टरी के खिलाफ जारी प्रदर्शन के स्थल तक जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग अपनाने की बात कहे जाने पर विभिन्न किसान संगठनों ने पुलिस के वाहन कथित रूप से क्षतिग्रस्त कर दिए और सुरक्षाकर्मियों को एक जीप से टक्कर मार दी तथा इस दौरान आठ पुलिसकर्मी घायल हो गए. पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने विरोध प्रदर्शन को ‘‘अवैध’’ बताते हुए प्रदर्शनकारियों से इसे समाप्त करने को कहा है. इसने उनसे कानून व्यवस्था का उल्लंघन नहीं करने को भी कहा है. सांझा मोर्चा जीरा के बैनर तले ग्रामीण पिछले पांच महीनों से फैक्टरी के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए मांग कर रहे हैं कि शराब फैक्टरी को बंद किया जाए, क्योंकि यह वायु प्रदूषण के अलावा कई गांवों में भूमिगत जल को प्रदूषित कर रही है.
इससे पहले, पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध करने और सुरक्षाकर्मियों को कर्तव्य पालन से रोकने के लिए गिरफ्तार कर लिया. विभिन्न कृषि संगठनों के प्रति निष्ठा रखने वाले किसानों ने पुलिस की इस कार्रवाई पर नाराजगी व्यक्त करने के लिए मंसूरवाल पहुंचना शुरू कर दिया. अधिकारियों ने कहा कि स्थिति मंगलवार को उस समय तनावपूर्ण हो गई जब किसानों ने विरोध स्थल की ओर जाने के लिए पुलिस अवरोधक हटा दिए और सड़क के बीच में खड़े उनके कुछ वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. यह भी पढ़ें : UP: लापता होने के दो घंटे बाद युवती का शव बरामद, जांच जारी
पुलिस ने धरना स्थल के लिए एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध कराया था, लेकिन किसान संगठनों के सदस्य राष्ट्रीय राजमार्ग 54 पर टी-पॉइंट से शुरू होने वाले दूसरे मार्ग से जाने पर अड़े रहे. कुछ प्रदर्शनकारियों ने अवरोधक हटाने की कोशिश के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को अपनी जीप से टक्कर मार दी. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि किसानों को प्रदर्शन स्थल की ओर जाने से रोकने का प्रयास करने पर कुछ लोगों ने पुलिसकर्मियों पर लाठियों से हमला किया. उन्होंने बताया कि इस घटना में आठ पुलिसकर्मियों को मामूली चोटें आई हैं जिन्हें जीरा स्थित सिविल अस्पताल में ले जाया गया.