देवघर (झारखंड), 21 नवंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा पर झारखंड के कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने शनिवार को कहा कि आखिरकार देश के लोकतंत्र की जीत हुई है और करोड़ों किसानों को न्याय मिला है. पत्रलेख ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र को भूमि अधिग्रहण विधेयक की तरह इन कानूनों को वापस लेना पड़ा. उन्होंने कृषि कानूनों पर प्रधानमंत्री के फैसले को ‘‘राजनीतिक हथकंडा’’ बताया.
झारखंड के मंत्री ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘सबसे पहले इन कानूनों को लोकतंत्र की हत्या करते हुए सदन में बिना बहस कराए, बिना किसानों की राय लिए पारित किया गया. कृषि राज्य का विषय है इसके बावजूद विधानसभाओं या विधान परिषदों में भी चर्चाएं नहीं कराई गईं, संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया.’’ यह भी पढ़ें : मनीष तिवारी ने अपने ही पार्टी के नेता सिद्धू पर साधा निशाना, कहा- आईएसआई और पाकिस्तानी सेना के गठजो़ड़ का एक मोहरा हैं इमरान खान
उन्होंने दावा किया कि अगले वर्ष कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इन कानूनों को वापस लेने की घोषणा की गई. पत्रलेख ने कहा कि कुछ राज्यों के उपचुनाव में भाजपा की हार के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने यह फैसला किया.देवघर (झारखंड), 20 नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा पर झारखंड के कृषि एवं पशुपालन मंत्री बादल पत्रलेख ने शनिवार को कहा कि आखिरकार देश के लोकतंत्र की जीत हुई है और करोड़ों किसानों को न्याय मिला है.