पश्चिम बंगाल भाजपा के सत्र में उठी खराब प्रदर्शन के लिए जवाबदेही तय करने और संगठन में बदलाव की मांग
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कोलकाता, 18 जुलाई : लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के खराब प्रदर्शन के कारणों पर चर्चा के लिए पार्टी की बंगाल इकाई के दो दिवसीय मंथन के पहले दिन कई नेताओं ने राज्य के संगठन में बदलाव और जवाबदेही तय करने की मांग की. पिछले हफ्ते विधानसभा उपचुनावों में तृणमूल कांग्रेस से तीन सीट पर शिकस्त मिलने के बाद, भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी के विस्तारित सत्र का आयोजन किया गया है. संसदीय चुनावों में, राज्य में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद, उपचुनाव के परिणाम भी पार्टी के लिए निराशाजनक रहे हैं. हाल में संपन्न आम चुनाव में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को 12 सीट मिली थीं जबकि 2019 में यह आंकड़ा 18 था. पत्रकारों से बातचीत के दौरान वरिष्ठ भाजपा नेता और सांसद सौमित्र खान ने राज्य संगठन में नेतृत्व परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया.

उन्होंने कहा, "हमारे निराशाजनक प्रदर्शन के बाद राज्य संगठन में अधिक जवाबदेही और बदलाव की आवश्यकता है. यह बदलाव जरूरी है, क्योंकि राज्य की जनता ने हमें संदेश दे दिया है." एक अन्य वरिष्ठ भाजपा नेता ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि निराशाजनक चुनावी नतीजों के बाद राज्य इकाई में आमूलचूल परिवर्तन की तत्काल आवश्यकता है नेता ने कहा, "अगर हम 2026 के विधानसभा चुनावों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं, तो हमें जल्द से जल्द खुद को व्यवस्थित करना होगा. राज्य इकाई में बदलाव समय की मांग है. जिन लोगों ने राज्य इकाई की ओर से निर्णय लिए हैं, उन्हें जिम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और पद छोड़ देना चाहिए." खान की भावनाओं से सहमति जताते हुए बैरकपुर लोकसभा सीट से हारने वाले पूर्व भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने भी कमियों को स्वीकार किया. उन्होंने कहा, "हमें पार्टी की चुनौतियों को स्वीकार करना चाहिए, चाहे वे संगठनात्मक हों या अन्य, और 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले उनका तेजी से समाधान करना चाहिए." यह भी पढ़ें : RCB में भी 50% आरक्षण? कर्नाटक में रिजर्वेशन कोटा विवाद पर नेटिजन्स ने कांग्रेस सरकार को किया ट्रोल

बैठक के शुरूआती सत्र को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा प्रमुख एवं केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव के नतीजे राज्य में पार्टी की संभावनाओं के संकेतक नहीं हो सकते.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे. यह सच है कि हमारी (लोकसभा) सीट संख्या 18 से घटकर 12 हो गई है. हमें यह पता लगाने की जरूरत है कौन सी चीज काम नहीं कर पाईं. हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए और तृणमूल कांग्रेस के कुशासन के खिलाफ लड़ना चाहिए.’’ बैठक में पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने स्पष्ट किया, "‘‘मैं संगठन का कामकाज नहीं देखता.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष का नेता हूं और ऐसा कोई उदाहरण नहीं है जहां मैंने पार्टी के खिलाफ टिप्पणी की हो. दूसरी बात यह कि मैं प्रदेश इकाई के संगठनात्मक कार्यों के लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं हूं.’’ उधर मजूमदार ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि चुनाव जीतने में संगठनात्मक कौशल की भूमिका ज्यादा नहीं होती.

उन्होंने कहा, "जब कोई पार्टी जीतती है, तो हर कोई संगठनात्मक ताकत को श्रेय देता है और अगर वह हार जाती है तो हर कोई संगठनात्मक ताकत को दोष देता है. यह स्वाभाविक है. हालांकि, राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार चुनाव जीतने में संगठनात्मक ढांचे की भूमिका सिर्फ 10-25 प्रतिशत है." उन्होंने कहा कि अधिकारी कोर कमेटी के एक प्रमुख सदस्य थे. साइंस सिटी सभागार में प्रदेश भाजपा का मंथन सत्र जारी रहने के बीच, पार्टी कार्यकर्ताओं के एक समूह ने मध्य कोलकाता में प्रदेश (भाजपा) मुख्यालय के बाहर धरना देकर राज्य के उन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिन्हें उन्होंने चुनावों में खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया है.