नयी दिल्ली, 21 नवंबर दिल्ली में चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना (जीआरएपी) के चौथे चरण के तहत बीएस-3 और बीएस-4 डीजल वाहनों के इस्तेमाल पर लगी रोक के कारण खासकर शादी संबंधी व्यवसाय से जुड़े लोगों को यात्रा और सामान ढुलाई में परेशानी हो रही है।
रविवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जीआरएपी के चौथे चरण के तहत उपाय लागू किए।
सोमवार सुबह आठ बजे लागू पाबंदियों का उद्देश्य पुराने डीजल वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर अंकुश लगाना है। हालांकि, इस कदम के अनपेक्षित परिणाम सामने आए हैं।
ट्रैवल एजेंसियों के अनुसार अर्टिगा, इनोवा जैसी कारों और ट्रैवलर बसों समेत बीएस-6 और सीएनजी वाहनों की मांग तेजी से बढ़ी है।
एक ट्रैवल एजेंसी के मालिक सेवक तुअर ने कहा, "शादी के सीजन में दबाव बढ़ गया है। कई वाहन महीनों पहले बुक किए गए थे, और अचानक प्रतिबंध लगने से हमें वाहनों का इंतजाम करने में परेशानी हो रही है।”
उन्होंने कहा, "हम नए वाहनों, पेट्रोल, सीएनजी और बीएस-6 अनुरूप वाहनों की व्यवस्था करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और शादियों व परिवहन की जरूरतें काफी प्रभावित हो रही हैं।"
एक अन्य ट्रैवल एजेंसी के मालिक आर्यन सिन्हा ने भी बढ़ती चुनौतियों का जिक्र किया।
उन्होंने कहा, "हमारे पास अमृतसर जैसी नजदीकी यात्राओं के लिए वाहन उपलब्ध हैं, लेकिन मनाली, मसूरी और ऋषिकेश जैसे गंतव्यों के साथ-साथ शादियों के लिए वाहन बुक करने वाले परिवारों को परेशानी हो रही है।”
सिन्हा के अनुसार, शादियों की बुकिंग की खातिर अक्सर कई दिनों के लिए 10 से 15 वाहनों की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा कि इस मांग को पूरा करना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि अब उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि वाहन आवश्यक मानकों को पूरा करते हों।
उन्होंने ‘पीटीआई-’ से कहा, "2020 के बाद सड़कों पर आईं सीएनजी बसों, ट्रैवलर बसों और बीएस-6 वाहनों की मांग बढ़ गई है।”
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