नयी दिल्ली, तीन मई राष्ट्रीय राजधानी में कई निजी अस्पतालों के अधिकारी अपने चिकित्सीय ऑक्सीजन स्टॉक को भरने के लिए मदद की गुहार लगाते नजर आए क्योंकि प्राणवायु की कमी के कारण कोविड-19 से पीड़ित काफी संख्या में मरीजों की जिंदगी अधर में लटकी हुई है।
रोहिणी में 50 बिस्तरों वाले धर्मवीर सोलंकी अस्पताल के डॉ. पंकज सोलंकी ने कहा कि वह एसओएस कॉल (जीवन रक्षा संदेश) करके थक चुके हैं और ‘‘हताश महसूस’’ कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अधिकतर समय संकट (ऑक्सीजन का) बना रहता है। अब दस मरीजों के लिए व्यवस्था करना भी कठिन हो रहा है।’’
कई लोगों ने अस्पतालों का सहयोग करने के लिए सोशल मीडिया पर गुहार लगाई है।
आम आदमी पार्टी के विधायक राघव चड्डा ने कहा कि महानगर की सरकार ने आज दोपहर राजघाट रिस्पॉन्स प्वाइंट से अस्पताल को चार डी-टाइप ऑक्सीजन सिलेंडर का आवंटन किया है।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘हरेक जीवन रक्षा संदेश का समाधान करने में हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। लेकिन दिल्ली सरकार भी एसओएस (जीवन रक्षा संदेश की गुहार) ही लगा रही है। कृपया हमें आवंटित ऑक्सीजन की पूर्ति करें।’’
बत्रा अस्पताल में कार्यकारी निदेशक सुधांशु बनकटा ने कहा कि वे बिस्तरों की संख्या में और कमी लाने की योजना बना रहे हैं। बत्रा अस्पताल ने रविवार को रोगियों को भर्ती करना बंद कर दिया था।
दक्षिण दिल्ली के इस अस्पताल में शनिवार की दोपहर करीब 80 मिनट तक चिकित्सीय ऑक्सीजन की सुविधा खत्म हो जाने के कारण एक वरिष्ठ चिकित्सक सहित 12 कोविड-19 रोगियों की मौत हो गई थी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने बिस्तरों की संख्या 307 से घटाकर 276 कर दी है। ऑक्सीजन के उपभोग को देखते हुए हम इसे कम कर 220 करेंगे।’’
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