नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए दंगों के दौरान एक स्थानीय निवासी की हत्या के मामले में गिरफ्तार आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने दंगों के दौरान ज्योति नगर इलाके की कर्दम पुरी पुलिया पर हुई मोहम्मद फुरकान की हत्या से संबंधित मामले में आरोपी जफर की जमानत याचिका खारिज कर दी।
अदालत ने प्राथमिकी में जफर के नाम का उल्लेख नहीं किए जाने के तर्क को गलत माना क्योंकि मामले की जांच के दौरान आरोपी व्यक्तियों की पहचान की गई थी।
अदालत ने कहा कि 24 फरवरी की एक वीडियो फुटेज में जफर कर्दम पुरी की पुलिया पर कथित तौर पर दंगों में शामिल होता दिखाई दिया था, जिसमें 18 पुलिसकर्मी घायल हुए थे और फुरकान की गोली लगने से मौत हो गई थी।
उन्होंने कहा, '' ऐसे में आरोपी (जफर) गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा है, जिसने हथियारों के साथ दंगा किया और पत्थराव किया, जिसके परिणामस्वरूप फुरकान की गोली लगने से मौत हुई।''
अदालत ने 28 अक्टूबर को पारित अपने आदेश में कहा कि गैरकानूनी रूप से एकत्र भीड़ द्वारा दंगा किए जाने की सूरत में हर आरोपी ऐसी भीड़ के अन्य सदस्यों द्वारा किए गए अपराध के लिए भी जिम्मेदार होता है।
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