देश की खबरें | दिल्ली पुलिस ने निवेश के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया, पांच लोग गिरफ्तार

नयी दिल्ली, 31 दिसंबर दिल्ली पुलिस ने निवेश के नाम पर लोगों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया और इस मामले में पांच लोगों को भी गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

यह गिरोह निवेश पर मोटा मुनाफा कमाने का लालच देता था। इसने एक शिकायतकर्ता से 19.27 लाख रुपये की ठगी की। अधिकारी ने बताया कि बाद में विभिन्न राज्यों में इस गिरोह से जुड़े ढ़ाई करोड़ रुपये से अधिक के लेन-देन का पता चला।

यह मामला तब प्रकाश में आया जब साध नगर की एक शिकायतकर्ता ने 18 अक्टूबर को साइबर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस के अनुसार शिकायतकर्ता ने बताया कि खुद को प्रमुख विश्लेषक बताने वाली एक महिला ने जुलाई में निवेश कर लाभ कमाने में मागदर्शन की पेशकश की।

शेयर बाजार के टिप्स और ऑनलाइन प्रशिक्षण से प्रभावित होकर पीड़ित ने एक एप्लिकेशन डाउनलोड किया और उसे निवेश पर 100 प्रतिशत से अधिक मुनाफा का लालच दिया गया।

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पश्चिम) सुरेंद्र चौधरी ने कहा, ‘‘शुरुआत में उसने एक लाख रुपये का निवेश किया, लेकिन बाद में उसे एक फर्जी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) में 10 लाख रुपये का निवेश करने के लिए मजबूर किया गया। गिरोह ने इसी तरह उनसे 19.27 लाख रुपये ठग लिये।’’

अधिकारी ने बताया कि एक प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। पुलिस टीम ने लेनदेन के स्रोत का पता लगाया और पाया कि यह लेनदेन पंजाब के लुधियाना में एक निजी बैंक में हुआ था, जो एक आरोपी रवित कुमार (29) के स्वामित्व वाली एक फर्जी कंपनी के तहत पंजीकृत है।

बाद में टीम ने लुधियाना से कुमार, स्वर्णप्रीत सिंह (34), मनप्रीत सिंह (42), संगरूर से जसपाल (24) और जम्मू से वंश गुप्ता (23) को गिरफ्तार किया।

पुलिस उपायुक्त ने बताया, ‘‘धनराशि को दुबई सहित अंतरराष्ट्रीय खातों में अंतरित किया गया। पूछताछ में पता चला कि जसपाल सिंह और वंश गुप्ता ने दुबई के दो जालसाज अमनदीप सिंह और प्रबसिमरन सिंह के साथ मिलकर काम किया जो अभी भी फरार हैं।’’

उन्होंने बताया, ‘‘इन आरोपियों ने भारतीय लोगों को निशाना बनाकर ठगी करने के लिए कथित तौर पर चीनी नागरिकों के साथ हाथ मिलाया। आरोपियों की गिरफ्तारी से न केवल शिकायतकर्ता का मामला सुलझ गया है, बल्कि विभिन्न राज्यों की 68 शिकायतों से भी गिरोह का संबंध पाया गया है।’’

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