नयी दिल्ली, 27 नवंबर एक एमबीए स्नातक सहित तीन लोगों को एक कंपनी का प्रतिनिधि बताकर फर्जी रोजगार वीजा उपलब्ध कराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि यह कंपनी लोगों को रोजगार वीजा सुविधा दिलाने में मदद करती है।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान रितेश तिवारी (28), चंदन बरनवाल (26) और आजाद प्रताप राव (23) के रूप में हुई है और ये सभी उत्तर प्रदेश के कुशीनगर के निवासी हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि वीजा आउटसोर्सिंग और प्रौद्योगिकी सेवा कंपनी वीएफएस ग्लोबल के सलाहकार आनंद सिंह की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि दो लोगों ने सोशल मीडिया मंच के माध्यम से खुद को वीएफएस अधिकारी के रूप में पेश किया। उन्होंने आवेदकों से बड़ी रकम के बदले जाली वीजा नियुक्ति पत्र जारी किए।
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (अपराध) संजय भाटिया ने बताया कि जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी अपने ऑनलाइन प्रोफाइल में वीएफएस लोगो का इस्तेमाल कर रहे थे और खुद को कंपनी का अधिकृत प्रतिनिधि बता रहे थे तथा वीजा संबंधी सभी सेवाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि वे वीजा चाहने वालों से भारी रकम वसूल रहे थे।
उन्होंने बताया कि आरोपी सोशल मीडिया के जरिये जरूरतमंद लोगों से वीजा नियुक्ति पत्र के लिए संपर्क करते थे और उन्हें बताते थे कि वे हर श्रेणी के लिए नियुक्ति पत्र उपलब्ध कराएंगे।
पुलिस ने बताया कि बरनवाल (फर्जी नाम परवीन साहू) को छह नवंबर को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया। उसने खुलासा किया कि तिवारी और राव ने उसकी मदद की थी।
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