दिल्ली उच्च न्यायालय का ओडिशा के मयूरभंज में हवाई अड्डा बनाने का निर्देश देने से इनकार
दिल्ली उच्च न्यायालय ने ओडिशा के मयूरभंज जिले में एक हवाई अड्डे का निर्माण कराने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि 1940 में वहां बनाई गई एक हवाई पट्टी की मरम्मत कर हवाई अड्डा बनाया जाए.
नयी दिल्ली, 15 जुलाई : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने ओडिशा के मयूरभंज जिले में एक हवाई अड्डे का निर्माण कराने के लिए केंद्र सरकार को निर्देश देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया. याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि 1940 में वहां बनाई गई एक हवाई पट्टी की मरम्मत कर हवाई अड्डा बनाया जाए. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि हवाई अड्डे का निर्माण करना नीतिगत फैसला है जो केंद्र सरकार कई कारकों को ध्यान में रखकर लेती है.
पीठ ने कहा, “ एक हवाई अड्डे का निर्माण कराने का मामला पूरी तरह से भारत सरकार और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में है जिसके लिए यातायात और अन्य प्रासंगिक कारकों को ध्यान में रखा जाता है.” पीठ में न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद भी हैं. यह भी पढ़ें : बारिश के कहर के बीच कर्नाटक के स्कूलों में छुट्टी घोषित
याचिकाकर्ता वकील ने आग्रह किया था कि ब्रिटिश शासन के दौरान 1940 में ओडिशा में मयूरभंज के रासगोविंदपुर प्रखंड में एक हवाई पट्टी बनाई गई थी लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध के बाद इसे चालू रखने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए. उन्होंने कहा कि इलाके में एक हवाई अड्डे की जरूरत है, लिहाज़ा केंद्र सरकार को हवाई पट्टी चालू करने के लिए निर्देश दिए जाएं. अदालत ने याची को किसी भी प्रकार की राहत देने से इनकार किया लेकिन कहा कि केंद्र सरकार इस हवाई पट्टी की मरम्मत कराने के लिए स्वतंत्र है.