नयी दिल्ली,चार दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार राजीव शर्मा को शुक्रवार को जमानत दे दी। शर्मा को कथित तौर पर चीन की खुफिया एजेंसी को संवेदनशील जानकारी देने के एक मामले में सरकारी गोपनीयता कानून के तहत 14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।
न्यायमूर्तियोगेश खन्ना ने शर्मा को एक लाख रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर रिहा करने का आदेश दिया। शर्मा निचली अदालत के कामकाज सामान्य रूप से शुरू होने के एक सप्ताह के भीतर यह राशि जमा कराएंगे ।
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शर्मा ने अपनी याचिका में कहा था कि चूंकि जांच एजेन्सी ने 60 दिन क अवधि में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है, इसलिए अब वह कानूनी रूप से जमानत के हकदार हैं।
निचली अदालत ने कहा था कि इस मामले में आरोप पत्र 90 दिन के भीतर तक दाखिल किया जा सकता है।
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उच्च न्यायालय ने मजिस्ट्रेट की अदालत के फैसले को ‘‘अवैध’’ बताते हुए खारिज कर दिया और कहा इस मामले में आरोप पत्र दाखिल करने की अवधि 60दिन है।
न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा,‘‘60दिन में चालान नहीं पेश किए जाने पर याचिकाकर्ता जमानत पाने का हकदार है।’’
शर्मा को 14 सितंबर को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने गिरफ्तार किया था।
उच्च न्यायालय ने शर्मा को संबंधित पुलिस अधिकारियों को अपना फोन नंबर और पता देने तथा अपने मोबाइल फोन का लोकेशन ऐप हमेशा चालू रखने तथा निचली अदालत की अनुमति के बगैर दिल्ली नहीं छोड़ेने के भी निर्देश दिए।
पुलिस ने शर्मा की जमानत का यह कहते हुए विरोध किया कि अपराध जहां न्यूनतम सजा का वर्णन नहीं है और अधिकतम सजा 10वर्ष से अधिक हैं, वहां आरोप पत्र गिरफ्तारी के 60 दिन के बाद लेकिन 90 दिन के भीतर दाखिल किया जा सकता है।
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