देश की खबरें | दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोचिंग सेंटर में आग लगने के मामले में सुनवाई 15 अक्टूबर तक स्थगित की

नयी दिल्ली, पांच अगस्त दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को मुखर्जी नगर के कोचिंग सेंटर में पिछले साल आग लगने की घटना को लेकर खुद की ओर से शुरू किये गये मामले की सुनवाई 15 अक्टूबर तक स्थगित कर दी।

अदालत ने यह बताने के बाद सुनवाई स्थगित की कि उच्चतम न्यायालय ने ऐसे संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है।

न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ को अवगत कराया गया कि अपने एक आदेश के खिलाफ अपील को खारिज करते हुए शीर्ष अदालत ने हाल ही में ओल्ड राजेंद्र नगर में एक संस्थान के बेसमेंट में पानी भरने से सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों की मौत का संज्ञान लिया और केंद्र तथा दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया।

न्यायमूर्ति रविंदर डुडेजा की सदस्यता वाली पीठ ने कहा, ‘‘कार्यवाही में आगे के निर्देशों की प्रतीक्षा के लिए हम मामले को स्थगित कर रहे हैं। मामले को 15 अक्टूबर को सूचीबद्ध करें।’’

अदालत ने कहा कि 27 जुलाई को ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना के संबंध में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ के समक्ष भी एक जनहित याचिका लंबित है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की पीठ ने शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थियों की मौत की जांच दिल्ली पुलिस से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दी थी ताकि जनता को जांच पर कोई संदेह न हो।

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कोचिंग सेंटर ‘डेथ चैंबर’ बन गए हैं और छात्रों के जीवन से खेल रहे हैं। शीर्ष अदालत ने केंद्र और दिल्ली सरकार से यह भी पूछा कि विभिन्न कोचिंग सेंटर के लिए अब तक क्या सुरक्षा मानदंड निर्धारित किए गए हैं और अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए क्या प्रभावी तंत्र विकसित किया गया है।

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