नयी दिल्ली, छह सितंबर दिल्ली सरकार ने सितंबर के पहले सप्ताह में शराब के खुदरा कारोबार से 269 करोड़ रुपये से अधिक का आबकारी राजस्व कमाया है।
अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में चार उपक्रमों से यह राजस्व अर्जित किया गया है।
उन्होंने बताया कि चार उपक्रम वर्तमान में वाइन और बीयर की 380 दुकान चला रहे हैं। राजस्व में और वृद्धि होने की उम्मीद है क्योंकि और अधिक ठेके खुलेंगे और आने वाले दिनों में शराब के लगभग 1,000 ब्रांड उपलब्ध कराए जाएंगे।
दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम, दिल्ली राज्य औद्योगिक और अवसंरचना विकास निगम, दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम और दिल्ली उपभोक्ता सहकारी थोक स्टोर द्वारा खोली गई 350 से अधिक शराब की दुकानों के साथ दिल्ली सरकार ने एक सितंबर से अपनी पुरानी आबकारी नीति लागू कर दी है।
आबकारी विभाग के एक बयान के अनुसार, ‘‘मौजूदा व्यवस्था में पांच सितंबर तक लाइसेंस शुल्क और उत्पाद शुल्क समेत 269.08 करोड़ रुपये का आबकारी राजस्व एकत्र किया गया है। इसके अलावा, शराब की बिक्री पर वैट के रूप में आनुपातिक मूल्य का राजस्व भी प्राप्त होगा।’’
अधिकारियों ने बताया कि सितंबर के पहले सप्ताह में शराब की दुकानों ने रोजाना लगभग आठ लाख बोतलों की औसत बिक्री की सूचना दी है। इस संख्या के आने वाले दिनों में बढ़ने की संभावना है।
वहीं, 28 फरवरी, 2023 तक के लिए लगभग 926 होटलों, क्लबों और रेस्तरांओं के शराब लाइसेंसों का नए सिरे से नवीनीकरण किया जा चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि ताजा आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में 387 ठेके चल रहे थे। सरकार ने अपने चार उपक्रमों को सितंबर में 500 ठेके खोलने का निर्देश दिया है। साल के अंत तक यह संख्या बढ़ाकर 700 कर दी जाएगी।
आबकारी नीति 2021-22 के तहत शराब के निजी विक्रेताओं ने रोजाना करीब 13 से 14 लाख शराब की बोतलों की बिक्री की थी।
हालांकि, इस नीति को लागू करने में कथित अनियमितताओं को लेकर उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा सीबीआई जांच की सिफारिश करने के बाद जुलाई में सरकार ने इसे वापस ले लिया था।
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