नयी दिल्ली, 25 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने शराब कारोबारी समीर महेंद्रू की उस याचिका पर मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जवाब तलब किया, जिसमें उन्होंने आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े एक धनशोधन मामले में चिकित्सकीय आधार पर जमानत देने का अनुरोध किया है।
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने ईडी को महेंद्रू की ओर से अपने स्वास्थ्य को लेकर किये गये दावों पर एक स्थिति रिपोर्ट तथा एक सत्यापन रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
महेंद्रू निचली अदालत द्वारा चिकित्सा के आधार पर पहले ही दी गई अंतरिम जमानत पर हैं और उन्हें एक मई को आत्मसमर्पण करना है।
नियमित जमानत के अनुरोध के अलावा, उन्होंने यह कहते हुए अंतरिम जमानत को कम से कम 12 सप्ताह तक बढ़ाने का अनुरोध किया है कि उनकी सर्जरी की संभावित तारीख पांच मई है और सर्जरी के बाद उनकी देखभाल की आवश्यकता होगी।
उनके वकील ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को 28 फरवरी को अंतरिम जमानत दी गई थी जिसे निचली अदालत ने बढ़ा दिया था।
उन्होंने कहा कि आरोपी की हालत अब भी खराब है और उसने नवीनतम चिकित्सा दस्तावेज रिकॉर्ड पर रखे हैं।
अभियोजन पक्ष ने दावा किया था कि कथित अनियमितताओं और उल्लंघनों के जरिये महेंद्रू ने लगभग 50 करोड़ रुपये कमाए।
ईडी ने धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के संबंधित प्रावधानों के तहत महेंद्रू के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है। धनशोधन का मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी से जुड़ा है।
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे निरस्त कर दिया था।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी इस मामले में आरोपी हैं।
ईडी ने सिसोदिया को नौ मार्च को तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था, जहां वह सीबीआई की जांच के सिलसिले में बंद थे।
सीबीआई ने 26 फरवरी को आम आदमी पार्टी के नेता सिसोदिया को गिरफ्तार किया था।
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