नयी दिल्ली, 12 जून वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि जुलाई 2017 से जनवरी 2020 के दौरान शून्य कर देनदारी वाले पंजीकृत इकाइयों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का रिटर्न देर से दाखिल करने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।
जीएसटी परिषद की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि अन्य इकाइयों के लिये जुलाई 2017 से जनवरी 2020 तक की अवधि के लिये मासिक बिक्री रिटर्न दाखिल करने में देरी पर लगेन वाले शुल्क को घटाकर अधिकतम 500 रुपये कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद ने कोरोना वायरस महामारी के असर पर चर्चा की।
इसके अलावा कुछ उद्योगों पर ‘उलटे शुल्क ढांचे’ (इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर) से जीएसटी संग्रह पर पड़ रहे असर को लेकर भी चर्चा की गयी। जीएसटी परिषद ने वस्त्र उद्योग में उलटा शुल्क ढांचे के बारे में भी बातचीत की।
जीएसटी परिषद अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था पर निर्णय लेने वाली शीर्ष इकाई है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)