देश की खबरें | जम्मू-कश्मीर को शांत क्षेत्र घोषित करें और यहां दक्षेस देशों को निवेश की अनुमति दें: महबूबा

श्रीनगर, 28 जुलाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर को शांत क्षेत्र घोषित करके और समूची नियंत्रण रेखा पर सभी मार्गों को खोलकर इसे दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ (दक्षेस) के देशों के बीच सहयोग का एक मॉडल बनाया जाए। उन्होंने कहा कि दक्षेस के प्रत्येक सदस्य देश को कश्मीर में निवेश की अनुमति दी जाए।

पीडीपी के 23वें स्थापना दिवस के अवसर पर यहां शेर-ए-कश्मीर पार्क में एक उग्र भाषण में उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर मुद्दे को हल करने के लिए बातचीत के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।

उन्होंने कहा कि जिस जे-के (जम्मू-कश्मीर) के नाम के साथ आप पाकिस्तान का नाम लेने से डरते हैं, एक कहावत है कि ‘मुश्किलों का साहस के साथ सामना करें’। उन्होंने कहा कि मैं आपसे (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) अनुरोध करती हूं कि इस जम्मू-कश्मीर और दूसरे जम्मू-कश्मीर को दक्षेस सहयोग का एक मॉडल बनाएं।

उन्होंने कहा कि दोनों जम्मू-कश्मीर को शांति क्षेत्र घोषित करके सभी दक्षेस देशों को यहां निवेश करने दें। महबूबा ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दक्षेस देशों को जम्मू-कश्मीर में बैंक और हस्तशिल्प विश्वविद्यालय खोलने की अनुमति देने के साथ सभी मार्ग खोले जाएं और सभी को स्वतंत्र रूप से आवाजाही की अनुमति दी जाए।

उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच पंजाब में वाघा सीमा पर व्यापार चलता है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में इसे बंद कर दिया गया है। महबूबा ने सवालिया लहजे में पूछा, क्या हमने कभी सुना है कि पंजाब की सीमा पर गोलीबारी हुई थी या भारत-पाकिस्तान के बीच गुजरात सीमा या राजस्थान सीमा पर युद्ध हुआ? फिर खुद ही नहीं में जवाब देते हुए कहा कि यह केवल जम्मू-कश्मीर की सीमाओं पर होता है।

महबूबा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के अंदर जंग चल रही है, एक तरफ 10 लाख सेना के जवान हैं, तो दूसरी तरफ बंदूकों के साथ युवा। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को हल करना होगा और कोई अन्य विकल्प नहीं है।

उन्होंने प्रधानमंत्री से जम्मू-कश्मीर को मध्य और दक्षिण एशिया का प्रवेश द्वार बनाने के लिए भी कहा। महबूबा ने कहा, ‘‘पाकिस्तान और चीन ने कहा है कि सभी देश चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) का हिस्सा बन सकते हैं, एक ऐसा मार्ग जो दूसरे तरफ के जम्मू-कश्मीर से होकर मध्य एशिया और दक्षिण एशिया तक जाता है। लेकिन आपने कहा कि ऐसा मत करो, लेकिन वे इसे करेंगे और वे नहीं रुकेंगे क्योंकि आपने ऐसा कहा था।’’

महबूबा ने पूछा कि जब उन्होंने ऐसा कहा था, तो क्या आप अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से रुक गये थे? खुद ही इसका जवाब नहीं में देते हुए उन्होंने कहा कि आपने आगे बढ़कर यहां सब कुछ बर्बाद कर दिया।

दक्षेस की स्थापना 8 दिसंबर, 1985 को ढाका में हुई थी, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल और पाकिस्तान सदस्य देश हैं।

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