नयी दिल्ली, 29 मार्च संसद के दोनों सदनों में अडाणी मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने की विपक्ष की मांग सहित विभिन्न मुद्दों पर चल रहा गतिरोध बुधवार को भी जारी रहा। हालांकि लोकसभा में हंगामे के बीच एक विधेयक को बिना चर्चा के पारित कर दिया गया। लोकसभा और राज्यसभा, दोनों सदनों की अगली बैठक अब तीन अप्रैल को होगी।
हंगामे के कारण लोकसभा को एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजकर करीब 35 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया, वहीं राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में, दोनों सदनों में एक बार भी प्रश्नकाल और शून्यकाल सामान्य ढंग से नहीं हो पाया है।
दोनों सदनों में बृहस्पतिवार को रामनवमी का अवकाश रहेगा, जबकि विभिन्न दलों के नेताओं के बीच हुई आपसी सहमति के कारण शुक्रवार को बैठक नहीं होगी। शनिवार और रविवार को दोनों सदनों की बैठक नहीं होती है।
लोकसभा में अपराह्न 11बजे कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सहित कुछ विपक्ष दलों के सदस्य नारेबाजी करने लगे और आसन के निकट पहुंच गए।
पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘सदन चलाने की जिम्मेदारी सिर्फ आसन की नहीं है, बल्कि हर सदस्य की भी है।’’
हंगामा नहीं थमने पर उन्होंने सदन की कार्यवाही 11 बजकर एक मिनट पर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने 2019 के आपराधिक मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा सुनाई है। इसके मद्देनजर शुक्रवार को राहुल को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने के विरोध स्वरूप कांग्रेस सदस्य सदन में लगातार तीसरे दिन काले कपड़े पहनकर आए।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे बैठक शुरू होने पर लोकसभा में वही नजारा दिखा। इस दौरान काले परिधान पहने हुए कांग्रेस सदस्य आसन के समीप आकर ‘हमें चाहिए जेपीसी’ के नारे लगाने लगे।
हंगामे के बीच ही केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने ‘वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023’ पेश किया। आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने सदन में व्यवस्था नहीं होने की स्थिति में विधेयक पेश किये जाने का विरोध किया।
केंद्रीय मंत्री यादव ने बाद में उक्त विधेयक को दोनों सदनों के सदस्यों की एक संयुक्त समिति के विचारार्थ भेजने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने यह प्रस्ताव भी रखा कि संयुक्त समिति अगले संसद सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम कार्यदिवस तक अपनी रिपोर्ट देगी।
सभा ने हंगामे के बीच ही ध्वनिमत से प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ‘प्रतिस्पर्धा (संशोधन) विधेयक, 2022’ को सदन में विचार और पारित करने के लिए रखा।
सदन ने हंगामे के बीच ही विपक्ष के सदस्यों के संशोधनों को खारिज करते हुए यथासंशोधित विधेयक को बिना चर्चा ध्वनिमत से मंजूरी दी।
पीठासीन सभापति रमादेवी ने आसन के पास आकर नारेबाजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से कार्यवाही चलने देने और अपने स्थान पर जाने का आग्रह करते हुए कहा, ‘‘जनता ने आपको यह करने के लिए नहीं भेजा है। जनता ने आपको वोट दिया है। अपने स्थान पर जाकर बोलिए। कार्यवाही चलने दीजिए।’’
शोर-शराबा नहीं थमा तो उन्होंने कार्यवाही दोपहर 12 बजकर करीब 35 मिनट पर सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे के लिए स्थगित कर दी।
राज्यसभा में भी बैठक शुरू होते ही कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडाणी समूह से जुड़े मुद्दे की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। कुछ सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे।
हंगामे के बीच ही सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को सूचित किया कि उन्हें नियम 267 के तहत, नियत कामकाज स्थगित कर अलग-अलग मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आठ नोटिस मिले हैं।
इसके आगे उन्होंने कुछ कहना चाहा, लेकिन हंगामे की वजह से वह अपनी बात नहीं कह पाए।
उन्होंने सदस्यों से शांत रहने और कार्यवाही चलने देने की अपील की। लेकिन सदन में व्यवस्था बनते न देख उन्होंने 11 बजकर करीब पांच मिनट पर बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
उच्च सदन की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोपहर दो बजे जब पुन: आरंभ हुई तब कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्य जेपीसी की मांग को लेकर फिर से नारेबाजी करने करने।
इसके बाद सभापति के आदेश पर केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने ‘वन संरक्षण संशोधन विधेयक, 2023’ के लिए संयुक्त समिति के गठन के प्रस्ताव का उल्लेख करते हुए राज्यसभा के कुछ सदस्यों को इसमें नामित करने का प्रस्ताव रखा।
विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने इस पर आपत्ति की। उन्होंने सवाल भी किया कि यह क्या हो रहा है? हालांकि उनकी पूरी बात शोरशराबे में नहीं सुनी जा सकी।
इसके बाद, सभापति जगदीप धनखड़ ने दो बजकर करीब तीन मिनट पर सदन की कार्यवाही तीन अप्रैल, सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
उल्लेखनीय है कि 13 मार्च से शुरू हुए बजट सत्र के दूसरे चरण के दौरान अभी तक दोनों सदनों ने जम्मू कश्मीर के बजट तथा वित्त विधेयक 2023 को बिना चर्चा के ध्वनि मत से मंजूरी दी है।
बजट सत्र के दूसरे चरण के शुरुआती कुछ दिनों में सत्ता पक्ष ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लंदन में भारत के लोकतंत्र को लेकर दिये गये बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए उनसे माफी की मांग को लेकर भारी हंगामा किया। बाद में सूरत की अदालत द्वारा राहुल गांधी को एक आपराधिक मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाये जाने के बाद 24 मार्च को लोकसभा से उनकी सदस्यता समाप्त करने की अधिसूचना जारी की गयी।
विपक्ष अडाणी मामले में जेपीसी गठित किए जाने की मांग पर बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत से ही सरकार पर दबाव बनाए हुए है।
माधव वैभव
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