
(फोटो के साथ)
धर्मशाला, छह जुलाई दलाई लामा मंदिर ‘सुगलागखांग’ के मुख्य प्रांगण में रविवार सुबह भारी बारिश के बावजूद 14वें दलाई लामा का 90वां जन्मदिन मनाने के लिए हजारों लोग एकत्र हुए।
यह आयोजन ऐसे वक्त हुआ है जब पिछले कुछ दिनों से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि दलाई लामा संस्था को समाप्त कर दिया जाएगा। उनके जन्मदिन पर विभिन्न तिब्बती बौद्ध संप्रदायों के प्रतिनिधियों, स्कूली बच्चों, विभिन्न देशों के नर्तकों और गायकों तथा दुनिया भर से बौद्ध धर्मावलंबियों ने भाग लिया।
देश-विदश से आए नेताओं ने भी इस आयोजन में भाग लिया और दलाई लामा तथा वैश्विक शांति एवं धार्मिक सद्भाव के प्रति उनकी सतत प्रतिबद्धता की प्रशंसा की।
समारोह में विशाल केक के सामने बैठे दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो ने कहा कि यह लोगों का प्यार है, जो उन्हें सभी प्राणियों की सेवा के मार्ग पर चलते रहने के लिए प्रेरित करता है।
उन्होंने कहा, "इसलिए मैं अपनी ओर से शांतिदेव के बोधिसत्वचर्यावतार- बोधिसत्व जीवन पद्धति पर विचार करता हूं, सभी सत्वों को अपना रिश्तेदार और मित्र मानता हूं, और मैं हमेशा अपनी क्षमता के अनुसार सभी की सेवा करने के बारे में सोचता हूं। इस जन्मदिन समारोह पर आप सभी बहुत खुशी के साथ यहां आए हैं। इसलिए धन्यवाद।’’
तिब्बती नेता ने कहा, "जितने अधिक लोग होंगे, उनके हृदय में उतनी ही अधिक खुशी होगी। मैं इसलिए भी प्रेरित महसूस करता हूं क्योंकि मैं बोधिचित्त का अभ्यास करता हूं।"
दलाई लामा ने कहा कि लोग उनके जन्मदिन पर किसी बाध्यता के कारण नहीं, बल्कि गहरी श्रद्धा के साथ आए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए जब मैं अपने जीवन पर विचार करता हूं, तो पाता हूं कि मैंने अपना जीवन बिल्कुल भी बर्बाद नहीं किया है। दलाई लामा की उपाधि मिलने के बाद भी मुझमें कोई अभिमान या अहंकार नहीं है। बुद्ध के अनुयायी, भिक्षु के रूप में जनता की सेवा करना और बुद्ध की शिक्षाओं का प्रसार करना ही मेरा मुख्य अभ्यास है।’’
समारोह की शुरुआत स्विटजरलैंड में रहने वाले तिब्बती गायक जमयान चोडेन द्वारा दलाई लामा के लिए प्रस्तुत गीत से हुई। इसके बाद मंगोलियाई और अल्बानियाई कलाकारों के एक समूह द्वारा नृत्य प्रदर्शन किया गया।
समारोह के तहत अगले तीन दिन में शहर के विभिन्न स्थानों पर 1,000 से अधिक सांस्कृतिक समूह प्रदर्शन करेंगे।
केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू और राजीव रंजन सिंह, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, सिक्किम के मंत्री सोनम लामा और हॉलीवुड अभिनेता रिचर्ड गेर ने प्रस्तुतियों के बाद सभा को संबोधित किया।
दलाई लामा के दाहिनी ओर बैठे रीजीजू ने उन्हें "प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विश्व के बीच जीवंत सेतु" कहा।
मंत्री ने कहा, "परम पूज्य, आप एक आध्यात्मिक नेता से भी बढ़कर हैं। आप प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विश्व के बीच एक जीवंत सेतु हैं। हम अपने देश ‘आर्यभूमि’ में आपकी उपस्थिति से (खुद को) धन्य महसूस करते हैं।"
उन्होंने कहा कि दलाई लामा ने सात दशक से अधिक समय तक न केवल बौद्ध धर्म के अनुयायियों का मार्गदर्शन किया है, बल्कि सभी धर्मों और पृष्ठभूमि के लोगों का भी मार्गदर्शन किया है।
रीजीजू ने कहा, ‘‘संघर्ष से जूझ रहे विश्व में, आपके जीवन जीने के तरीके में निहित आपका संदेश और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। भारत और भारतीयों के लिए यह गर्व और सम्मान की बात है कि आप हमारे बीच हैं।’’
खांडू ने कहा कि दलाई लामा परंपरा की संस्था को जारी रखने की घोषणा से ‘‘लाखों लोगों ने राहत की सांस ली है’’।
उन्होंने कहा, ‘‘यह निर्णय आध्यात्मिक नहीं है, यह सभ्यतागत है। यह धार्मिक स्वतंत्रता, सांस्कृतिक स्वायत्तता और भविष्य की पीढ़ियों के लिए आध्यात्मिक विरासत को संरक्षित करने की पवित्र जिम्मेदारी के मूल्य को मजबूत करता है।’’
अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल के टी परनाइक (सेवानिवृत्त), मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चौना मेन ने तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं दीं।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने भी दलाई लामा को बधाई देते हुए उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना की।
शर्मा ने एक पोस्ट में कहा, ‘‘परम पूज्य दलाई लामा के जन्मदिन पर मैं उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। वर्षों से उन्होंने दुनिया भर में शांति, करुणा और एकता का प्रचार किया है और लाखों लोगों को सच्चाई और सादगी का जीवन जीने के लिए प्रेरित किया है।’’
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी इस अवसर पर एक संदेश भेजा। रुबियो ने एक बयान में कहा, ‘‘अमेरिका परम पावन दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं देता है।’’
रुबियो ने कहा, "अमेरिका तिब्बतियों के मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता के सम्मान को बढ़ावा देने के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है।"
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, "हम तिब्बतियों की विशिष्ट ई, सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संरक्षित करने के प्रयासों का समर्थन करते हैं, जिसमें हस्तक्षेप के बिना धार्मिक नेताओं को स्वतंत्र रूप से चुनने और उनका सम्मान करने की उनकी क्षमता भी शामिल है।"
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)