नयी दिल्ली, 23 दिसंबर चेन्नई सुपर किंग्स प्रबंधन अपनी व्यावहारिकता और समझदारी के लिये मशहूर है और उसने शुक्रवार को यहां इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के लिये ‘मिनी नीलामी’ में इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान और दुनिया के बेहतरीन आल राउंडर बेन स्टोक्स को खरीदकर टीम के लिये बेहतरीन फैसला किया।
चेन्नई के इस फैसले के पीछे उसकी भविष्य की योजना साफ झलकती है कि जब महेंद्र सिंह धोनी अलविदा कहेंगे तो कप्तानी की जिम्मेदारी संभालने के लिये ज्यादा मशक्कत नहीं होगी।
मुंबई इंडियंस की टीम पिछले दो वर्षों से बदलाव के दौर से गुजर रही है और उसने पिछले सत्र में बड़ी नीलामी में कुछ अटपटे फैसले किये लेकिन अब उन्होंने स्टोक्स के कौशल की बराबरी वाले कैमरन ग्रीन को खरीदा।
सनराइजर्स हैदराबाद ने हैरी ब्रुक्स को अपनी टीम में शामिल किया है लेकिन उन्हें जरूरत थी कि वे अपने गेंदबाजी लाइन-अप को स्थिर करने के लिये खिलाड़ी खरीदें।
चेन्नई सुपर किंग्स ने खरीदे बेन स्टोक्स (16.25 करोड़ रूपये), अजिंक्य रहाणे (50 लाख रूपये)। धोनी का बिल्कुल सरल मंत्र है कि सीनियर खिलाड़ियों पर निर्भर करो। आईपीएल अब ‘होम एंड अवे’ प्रारूप में वापसी करेगा तो टीम को चेपक पर सात घरेलू मैच खेलने होंगे जो बल्लेबाजों के लिये मददगार नहीं होगी।
धोनी के लिये ड्वेन ब्रावो महत्वपूर्ण खिलाड़ी थे और वह उनके जैसा ही खिलाड़ी चाहते थे। इसलिये टीम ने आल राउंडर को देखा जो 16 से 20 ओवर में अपनी विविधता से चेन्नई की पिच का फायदा उठा सके।
चेन्नई का लाइन अप डेवोन कॉनवे, रूतुराज गायकवाड़, अंबाती रायुडू/अजिंक्य रहाणे, बेन स्टोक्स, धोनी, मोईन अली, रविंद्र जडेजा हैं। यह किसी भी सतह पर स्वप्निल टी20 बल्लेबाजी लाइन अप है।
स्टोक्स जरूरत पड़ने पर बल्लेबाजी या गेंदबाजी दोनों में शुरूआत कर सकते हैं।
मुंबई इंडियंस ने कैमरून ग्रीन (17.50 करोड़ रूपये), जॉय रिचर्डसन (1.50 करोड़ रूपये) को खरीदा। पिछली बार निराशाजनक फैसलों से उबरते हुए उन्होंने कैमरन ग्रीन के रूप में आदर्श खिलाड़ी खरीदा जो 23 साल का है और टीम की योजना में फिट बैठता है।
ग्रीन और साथी आस्ट्रेलिय टिम डेविड वानखेड़े की पिच पर अपनी ताकतवर हिटिंग से खतरनाक हो सकते हैं। इसमें ईशान किशन, डेवाल्ड ब्रेविस और एनटी तिलका को भी शामिल कर दिया जो तो यह प्रतिद्वंद्वी के लिये परेशानी खड़ी कर सकते हैं। हालांकि गेंदबाजी आक्रमण पर थोड़ी चिंता है क्योंकि जसप्रीत बुमराह और जोफ्रा आर्चर चोटों के बाद वापसी कर रहे हैं।
रिचर्डसन को शामिल करना टीम के लिये अच्छा फैसला रहा जो जोफ्रा के बैक-अप विदेशी गेंदबाज हो सकते हैं।
पंजाब किंग्स ने सैम करेन (18.5 करोड़ रूपये) और सिकंदर रजा (50 लाख रूपये) पर भरोसा किया। टीम के ज्यादातर रिकॉर्ड मैदान से बाहर रहे हैं और करेन को आईपीएल के इतिहास में सबसे महंगा बिकने वाला खिलाड़ी बनाना भी इसमें शामिल है। टी20 विश्व कप के प्रदर्शन के बाद करेन के दो करोड़ रूपये के बेस प्राइज में रखा गया था लेकिन नीलामी में होड़ होने का नतीजा हुआ कि वह 18 करोड़ से ज्यादा रूपये में बिके। टीम के मालिक नेस वाडिया ने नीलामी की होड़ जीत ली।
लखनऊ सुपर जायंट्स ने निकोलस पूरन (16 करोड़ रूपये) और डेनियल सैम्स (75 लाख रूपये) को खरीदा। टीम पहले ही आईपीएल सत्र में प्लेऑफ में पहुंची थी लेकिन 2023 सत्र उनके लिये थोड़ा पेचीदा होगा। टीम को नहीं पता कि उन्हें बायें हाथ का तेज गेंदबाज मोहसिन खान मिलेगा या नहीं जिनकी कोहनी की सर्जरी हुई थी।
और आल राउंडर के बजाय पूरन को फिनिशर के तौर पर शामिल करने का फैसला निराशाजनक ही है। साथ ही टीम में क्विंटन डिकॉक भी शामिल हैं तो विकेटकीपिंग कौन करेगा यह देखना भी दिलचस्प होगा।
सनराइजर्स हैदराबाद ने हैरी ब्रुक (13.25 करोड़ रूपये), मयंक अग्रवाल (8.25 करोड़ रूपये) और हेनरिच क्लासेन (5.25 करोड़ रूपये) को खरीदा।
टीम के पास 42 करोड़ से ज्यादा रूपये की राशि थी और उन्होंने इंग्लैंड के ब्रुक तथा भारतीय सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल को खरीदने में 20 से ज्यादा करोड़ रूपये खर्च कर दिये।
अग्रवाल अभी भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं लेकिन पिछले सत्र को छोड़ दें तो वह आईपीएल में निर्भर रहने वाले खिलाड़ी रहे हैं। उनके रूप में टीम को कप्तानी का भी विकल्प मिलता है। कई ब्रुक को ‘इंग्लैंड के विराट कोहली’ की संज्ञा देते हैं, जिन्हें मध्यक्रम में फिट करना होगा।
गुजरात टाइटन्स में शिवम मावी (6 करोड़ रूपये), केएस भरत (1.2 करोड़ रूपये) और केन विलियम्सन (2 करोड़ रूपये) शामिल हुए। गत चैम्पियन गुजरात की टीम ने कोच आशीष नेहरा के साथ नीलामी में चतुराई भरे फैसले किये।
दिल्ली कैपिटल्स में मुकेश कुमार (5.50 करोड़ रूपये), फिल सॉल्ट (2 करोड़ रूपये), इशांत शर्मा (50 लाख रूपये) को तरजीह दी। टीम ने अपने खिलाड़ियों को चुनने में सही फैसले किये। पिछले सत्र में मुकेश कुमार उसके नेट गेंदबाज थे जो अब भारत ए के लिये नियमित रूप से खेल रहे हैं। गेंद को स्विंग करने की काबिलियत को देखते हुए वह पावरप्ले में अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
लेकिन सॉल्ट को खरीदना सबसे अच्छा रहा जिन्होंने टी20 विश्व कप से पहले टी20 श्रृंखला में पाकिस्तानी गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी थीं। दो करोड़ रूपये में इससे बेहतर खिलाड़ी नहीं हो सकता था। इशांत शर्मा को बेस प्राइज में खरीदना भी बुरा नहीं है।
कोलकाता नाइट राइडर्स में एन जगदीशन (90 लाख रूपये), वैभव अरोड़ा (60 लाख रूपये)। टीम के पास ज्यादा राशि नहीं बची थी लेकिन तमिलनाडु प्रीमियर लीग में अच्छा करने वाले जगदीशन को खरीदना उसके लिये अच्छा रहा और वो भी एक करोड़ रूपये से कम में।
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर में विल जैक्स (3.2 करोड़ रूपये) और रीस टॉप्ले (1.90 करोड़ रूपये)। इंग्लैंड के बांये हाथ के गेंदबाज टॉप्ले ने हाल में लार्ड्स में भारत को परेशान किया था जिससे उन्हें और बल्लेबाज जैक्स को खरीदना अच्छा रहा। टीम ने कुछ और खिलाड़ियों में दिलचस्पी दिखायी लेकिन उनके पास ज्यादा राशि नहीं बची थी।
राजस्थान रॉयल्स ने जेसन होल्डर को 5.75 करोड़ रूपये में खरीदा। स्टोक्स के जाने के बाद टीम को अदद तेज गेंदबाजी आल राउंडर की जरूरत थी और 13 करोड़ रूपये की राशि में स्टोक्स और ग्रीन पहुंच से बाहर थे। तो उन्होंने होल्डर को लिया जो सवाई मान सिंह मैदान पर अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
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