
नयी दिल्ली, 17 जुलाई मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बुधवार को आरोप लगाया कि उसने पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में आठ अगस्त को होने वाले पंचायत चुनाव से पहले उसके कार्यकर्ताओं पर ‘‘हिंसक हमले’’ किये हैं और दावा किया कि उसके उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने से जबदस्ती रोका जा रहा है।
वाम दल ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा के बाद से माकपा, विपक्षी उम्मीदवारों और उनके समर्थकों पर सत्तारूढ़ भाजपा से कथित रूप से जुड़े गुंडों द्वारा लगातार हमले किए जा रहे हैं।
इसने एक बयान में कहा, ‘‘माकपा पोलित ब्यूरो ने त्रिपुरा में आठ अगस्त, 2024 को होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा किए गए हिंसक हमलों की कड़ी निंदा की है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘माकपा के उम्मीदवारों और उनके समर्थकों पर बर्बर हमले करके उन्हें नामांकन पत्र दाखिल करने से रोका गया है।’’
वामपंथी पार्टी ने आरोप लगाया कि 13 जुलाई को ऐसी ही एक घटना में दक्षिण त्रिपुरा जिला परिषद के माकपा उम्मीदवार बादल शील की ‘‘भाजपा के गुंडों’’ ने हत्या कर दी थी।
माकपा ने कहा, ‘‘इन हमलों के कारण पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता घायल हो गए हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। विपक्षी नेताओं को विभिन्न स्थानों पर चुनाव अधिकारियों द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठकों में शामिल होने से जबरन रोका गया।’’
इसने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा नेताओं ने नामांकन पत्र दाखिल करने की कोशिश करने वाले किसी भी विपक्षी उम्मीदवार को जान से मारने की धमकी दी है, विपक्षी नेताओं को ले जा रहे वाहनों पर पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हमला किया गया है, पार्टी के प्रमुख नेताओं को कई स्थानों पर रोका गया और उन पर हमला किया गया।’’
पार्टी ने कहा कि राज्य में माकपा के जुलूसों पर पथराव और उसके नेताओं के आवासों पर बम फेंकने की घटनाएं भी सामने आई हैं।
माकपा ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा ने जब से राज्य विधानसभा चुनाव जीता है, तब से वह राज्य में विपक्ष को खत्म करने के अपने एजेंडे पर पूरी तरह से काम कर रही है। वर्ष 2018 से शुरू हुए इन हमलों में पार्टी के 30 सदस्य और कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं।’’
पार्टी ने मांग की कि यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त उपाय किए जाएं कि सभी उम्मीदवार नामांकन पत्र दाखिल कर सकें और चुनाव स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से संपन्न हों।
त्रिपुरा में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव आठ अगस्त को होंगे और मतगणना 12 अगस्त को होगी।
वामपंथी दलों के छह सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त से मुलाकात की और स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण पंचायत चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उनके समक्ष चार सूत्री मांगपत्र रखा।
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