जोहानिसबर्ग, 28 नवंबर : दक्षिण अफ्रीका में सार्स-कोव-2 वायरस के नए स्वरूप का पता लगने के बाद उस पर यात्रा प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर दक्षिण अफ्रीका ने नाराजगी जताई है. यात्रा प्रतिबंध सबसे पहले ब्रिटेन ने लगाए थे.
दक्षिण अफ्रीका में जीनोमिक निगरानी के लिए बना नेटवर्क महामारी शुरू होने के बाद से ही सार्स-कोव-2 (सामान्य में कारोना वायरस) में होने वाले बदलावों की निगरानी कर रहा है. यह भी पढ़ें : COVID-19: Omicron वेरिएंट को लेकर चिंता में दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक, संक्रमण का खतरा बढ़ा
वायरस के नए स्वरूप की पहचान बी.1.1.529के तौर पर की गई और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे चिंता उत्पन्न करने वाला स्वरूप घोषित करने के साथ ओमीक्रोन नाम दिया है.
जोहानिसबर्ग, 28 नवंबर : दक्षिण अफ्रीका में सार्स-कोव-2 वायरस के नए स्वरूप का पता लगने के बाद उस पर यात्रा प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर दक्षिण अफ्रीका ने नाराजगी जताई है. यात्रा प्रतिबंध सबसे पहले ब्रिटेन ने लगाए थे.
दक्षिण अफ्रीका में जीनोमिक निगरानी के लिए बना नेटवर्क महामारी शुरू होने के बाद से ही सार्स-कोव-2 (सामान्य में कारोना वायरस) में होने वाले बदलावों की निगरानी कर रहा है. यह भी पढ़ें : COVID-19: Omicron वेरिएंट को लेकर चिंता में दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिक, संक्रमण का खतरा बढ़ा
वायरस के नए स्वरूप की पहचान बी.1.1.529के तौर पर की गई और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे चिंता उत्पन्न करने वाला स्वरूप घोषित करने के साथ ओमीक्रोन नाम दिया है.