नयी दिल्ली, आठ सितंबर उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और दिल्ली पुलिस को रियल एस्टेट कंपनी यूनिटेक लिमिटेड के साथ-साथ उसके पूर्व प्रवर्तकों और प्रबंधन अधिकारियों के मामलों से जुड़ी अपनी जांच की स्थिति रिपोर्ट 30 सितंबर से पहले दाखिल करने को कहा।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने निर्देश दिया कि 30 सितंबर को सुनवाई की अगली तारीख से पहले जांच की स्थिति से अवगत कराते हुए ईडी और दिल्ली पुलिस दोनों सीलबंद लिफाफे में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करें।
सुनवाई के दौरान यूनिटेक समूह के नए प्रबंधन बोर्ड की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने पीठ को बताया कि दो उप-समितियां गठित की गई हैं। उन्होंने कहा कि एक समिति बैंकों और परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) के साथ बातचीत करेगी, जिनके पास परस्पर सहमति से देय राशि के एकमुश्त निपटान के लिए कुल 15,000 फ्लैट में से लगभग 8,000 की जिम्मदारी है। जबकि दूसरी उप-समिति नोएडा, ग्रेटर नोएडा और हरियाणा सरकार के नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग जैसे प्राधिकरणों के साथ दावों और निपटान पर चर्चा करेगी।
वेंकटरमन ने कहा कि सुरक्षा एआरसी, जेएम फाइनेंशियल एआरसी और एडलवीस एआरसी के साथ बातचीत की जाएगी। पीठ ने सुरक्षा एआरसी को दो सप्ताह में समझौते के बारे में उप-समिति के साथ चर्चा करने और अदालत को इसके बारे में अवगत कराने का निर्देश दिया।
सुरक्षा एआरसी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने पीठ से कहा कि वह सकारात्मक सोच के साथ चर्चा करेगी और अदालत को अवगत कराएगी।
पीठ ने कहा, '' आपको बातचीत को आगे बढ़ाना होगा। आपको उचित राशि पर समझौता करना होगा। याद रखें कि आप पूर्ववर्ती प्रबंधन के साथ नहीं बल्कि नए प्रबंधन के साथ काम कर रहे हैं। स्थिति को जस का तस रखने से कुछ नहीं हासिल होगा। बेहतर होगा कि आप एक उचित निपटान राशि तय करें।''
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