नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल से आप नेता मनीष सिसोदिया की बीमार पत्नी के स्वास्थ्य के बारे में रिपोर्ट मांगी और कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धनशोधन के एक मामले में छह सप्ताह के लिए सिसोदिया की अंतरिम जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया.
सिसोदिया की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा को बताया कि शुक्रवार को पारित अदालत के निर्देशों के अनुसार, दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को उनकी पत्नी से मिलाने के लिए ले जाया गया, लेकिन उनके घर पहुंचने से पहले ही उनकी पत्नी की तबियत खराब हो गई, जिन्हें एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस प्रकार माथुर ने अदालत से सिसोदिया को अस्थायी आधार पर रिहा करने का अनुरोध किया और कहा कि वह अपनी बीमार पत्नी की देखभाल करने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं. न्यायमूर्ति शर्मा ने अदालत के अवकाश के दिन हुई सुनवाई के बाद कहा, "दलीलें सुनी गईं. आदेश सुरक्षित रखा गया. एलएनजेपी से रिपोर्ट मंगवाई जाए और आज शाम तक दाखिल की जाए."
न्यायाधीश ने शुक्रवार को तिहाड़ जेल अधीक्षक को सिसोदिया को उनके आवास पर ले जाने का निर्देश दिया था, जहां उन्हें सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक अपनी बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति दी गई थी और प्रवर्तन निदेशालय से रिपोर्ट मांगने के बाद अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई तीन जून के लिए सूचीबद्ध की थी. सुनवाई के दौरान ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका जताते हुए अंतरिम जमानत की याचिका का विरोध किया.
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