अदालत ने राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किए गए युवक की मौत के मामले की जांच CBI को सौंपी
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 23 वर्षीय एक युवक की मौत से संबंधित मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दिया, जिसे 2020 में शहर के उत्तर पूर्वी हिस्से में हुए दंगों के दौरान कथित तौर पर पीटा गया और राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया गया था.
नयी दिल्ली, 23 जुलाई : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को 23 वर्षीय एक युवक की मौत से संबंधित मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को स्थानांतरित कर दिया, जिसे 2020 में शहर के उत्तर पूर्वी हिस्से में हुए दंगों के दौरान कथित तौर पर पीटा गया और राष्ट्रगान गाने के लिए मजबूर किया गया था. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुआ था. सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में पुलिस कर्मियों द्वारा फैजान को चार अन्य मुस्लिम पुरुषों के साथ कथित तौर पर राष्ट्रगान और ‘‘वंदे मातरम’’ गाने के लिए मजबूर करते हुए एवं पीटते हुए देखा जा सकता है.
न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने फैजान की मां द्वारा विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने के लिए दायर याचिका पर कहा, “मैं याचिका को स्वीकार कर रहा हूं. मैं मामले को सीबीआई को स्थानांतरित कर रहा हूं.” किस्मतुन ने 2020 में दाखिल याचिका में आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनके बेटे के साथ मारपीट की और उसे अवैध रूप से हिरासत में रखा एवं उसे अति आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित किया. इसकी वजह से रिहाई के बाद उसी साल 26 फरवरी को उसकी मौत हो गई. यह भी पढ़ें : Budget 2024: बजट में कैंसर की दवाओं से कस्टम ड्यूटी हटाने के कदम का स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने किया स्वागत
संशोधित नागरिकता कानून समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा नियंत्रण से बाहर होने के बाद 24 फरवरी, 2020 को उत्तर पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे. इन दंगों में कम से कम 53 लोग मारे गए और लगभग 700 अन्य घायल हो गए. पुलिस ने 2022 में सीलबंद लिफाफे में अदालत में दाखिल स्थिति रिपोर्ट में कहा था कि दोषी पुलिस कर्मियों की पहचान करने की प्रक्रिया जारी है. मार्च में, पुलिस ने अदालत को बताया था कि वह गुजरात में राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) से कुछ वीडियो फुटेज के विश्लेषण का इंतजार कर रही है.