अदालत ने महबूबा मुफ्ती की याचिका पर अंतिम सुनवाई के लिए तारीख तय की
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Photo Credits: PTI)

नयी दिल्ली,9 सितंबर: दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के कुछ प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की याचिका पर अंतिम सुनवाई के लिए बृहस्पतिवार को तारीख तय कर दी.यह भी पढ़े: पांच राज्यों की छह राज्यसभा सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा, चार अक्तूबर को मतदान

मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल (D N Patel) और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने याचिका के अंतिम निपटारे की खातिर मामले को 14 सितंबर के लिए सूचीबद्ध किया.

महबूबा मुफ्ती ने मार्च में दाखिल अपनी याचिका में एक धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उन्हें समन जारी करने को भी चुनौती दी थी. हालांकि अदालत ने इस स्तर पर उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया.जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने पर एक साल से अधिक समय तक नजरबंद रखने के बाद महबूबा मुफ्ती (61) को पिछले साल रिहा किया गया था. उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए नोटिस दिया गया था.

ईडी ने शुरुआत में 15 मार्च को महबूबा मुफ्ती को समन किया था लेकिन उस समय उनके व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति होने पर पर जोर नहीं दिया था. इसके बाद उन्हें 22 मार्च को समन किया गया था.महबूबा मुफ्ती ने वरिष्ठ वकील नित्या रामकृष्णन के जरिए समन को रद्द करने का अनुरोध किया है.  उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि पीएमएलए की धारा 50 को रद्द कर दिया जाए. उन्होंने दावा किया कि यह प्रावधान भेदभावपूर्ण, सुरक्षा उपायों से रहित है तथा संविधान के अनुच्छेद 20 (3) का उल्लंघन करता है.कानून की धारा 50 के तहत प्राधिकरण, यानी ईडी के अधिकारियों को किसी भी व्यक्ति को सबूत देने या रिकॉर्ड पेश करने के लिए समन करने का अधिकार है.

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