अदालत ने गर्भवती महिलाओं की मदद को लेकर सरकार के कदम पर संतोष जताया
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मुंबई, 22 मई बंबई उच्च न्यायालय ने प्रसव के समय गर्भवती महिलाओं को मदद पहुंचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार और बीएमसी द्वारा किए गए उपायों पर संतोष जताया लेकिन कहा कि महानगरपालिका को ऐसी महिलाओं की सहायता के लिए एक खास हेल्पलाइन शुरू करना चाहिए ।

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति एस एस शिंदे की पीठ ने शहर के निवासी मोहिउद्दीन वैद की एक याचिका का निपटारा कर दिया ।

इस याचिका में कहा गया था कि सरकारी जे जे अस्पताल में एक महिला को प्रसव के लिए भर्ती करने से इसलिए मना कर दिया गया क्योंकि उसने कोरोना वायरस संक्रमण की जांच नहीं करवायी थी।

वैद ने याचिका में सरकार और बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) को गर्भवती महिलाओं के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी ।

राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि संकट के इस समय में गर्भवती महिलाओं को भर्ती करने में उसकी तरफ से कोई लापरवाही नहीं की जा रही है ।

बीएमसी ने अपने हलफनामे में गर्भवती महिलाओं को भर्ती किए जाने संबंधी आंकड़ा पेश किया ।

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