Excise Policy Case: अदालत ने सुनीता केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में अदालती कार्यवाही का वीडियो हटाने का निर्देश दिया

दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को आबकारी नीति मामले से संबंधित अदालती कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया मंच से हटाने के लिए शनिवार को निर्देश जारी किया.

Credit - PTI

नयी दिल्ली, 15 जून : दिल्ली उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को आबकारी नीति मामले से संबंधित अदालती कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया मंच से हटाने के लिए शनिवार को निर्देश जारी किया. वीडियो में आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल एक अधीनस्थ अदालत में अपनी बात रखते नजर आते हैं.

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा और न्यायमूर्ति अमित शर्मा की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाने वाली याचिका पर सुनीता केजरीवाल समेत छह लोगों और सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’, ‘मेटा’ और ‘यूट्यूब’ को नोटिस जारी किए हैं. उच्च न्यायालय ने सोशल मीडिया मंचों को यह भी निर्देश दिया कि यदि उनके संज्ञान में आता है कि ऐसी ही सामग्री दोबारा पोस्ट की गई है तो वे उसे भी हटा दें. अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए नौ जुलाई की तारीख निर्धारित की. उच्च न्यायालय अधिवक्ता वैभव सिंह द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था. यह भी पढ़ें : NEET-UG 2024: नीट को लेकर SC में नई याचिका, राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा के सभी OMR शीट्स की फिर से जांच की मांग

सिंह ने अपनी याचिका में दावा किया कि दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तारी के बाद जब अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च को एक अधीनस्थ अदालत में पेश किया गया तो उन्होंने अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से अपनी बात रखने का विकल्प चुना और कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया मंच पर पोस्ट की गई, जो कि अदालतों से संबंधित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय नियम, 2021 के तहत प्रतिबंधित है.

कथित तौर पर यह वीडियो सुनीता केजरीवाल और अन्य लोगों द्वारा दोबारा पोस्ट किया गया था.

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