नयी दिल्ली, 21 मार्च उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु में सात वर्षीय बच्चे के अपहरण और हत्या के दोषी को सुनाई गई मौत की सजा को बदलकर मंगलवार को 20 साल कैद में तब्दील कर दिया।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने दोषी को बिना किसी छूट के 20 साल कैद की सजा सुनायी।
पीठ ने कहा, ‘‘हमें अपहरण और हत्या में याचिकाकर्ता के दोष पर शक करने की कोई वजह नहीं दिखती। दोषसिद्धि में हस्तक्षेप करने के लिए समीक्षा के तहत अपनी शक्तियों को अमल में लाने की आवश्यकता नहीं है। हम मौत की सजा को 20 साल की उम्रकैद में तब्दील करते हैं।’’
शीर्ष न्यायालय ने कुड्डलोर के पुलिस प्रमुख को भी नोटिस जारी किया। न्यायालय ने पूछा कि अदालत में दाखिल उस हलफनामे की अनुपालना में उन पर कार्रवाई क्यों न की जाए जिसमें याचिकाकर्ता के आचरण को छिपाया गया था।
उसने पंजी को स्वत: संज्ञान लेते हुए अधिकारी के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।
न्यायालय का यह फैसला 2013 के उसके फैसले के खिलाफ व्यक्ति द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका पर आया है। उच्चतम न्यायालय ने 2013 में मौत की सजा बरकरार रखी थी।
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