नयी दिल्ली, 12 दिसंबर उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक नये पेट्रोल पंप में प्रवेश और निकास के लिए ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में 12 पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी।
शीर्ष अदालत ने पेड़ों को कथित तौर पर काटने के लिए पेट्रोल पंप के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने वाले याचिकाकर्ता के दावों को खारिज कर दिया।
टीटीजेड लगभग 10,400 वर्ग किलोमीटर में उत्तर प्रदेश के आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा जिलों और राजस्थान के भरतपुर जिले में फैला हुआ है। शीर्ष अदालत ताजमहल और उसके आसपास के संरक्षण के संबंध में एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा, ‘‘पक्षों के वकील को सुनने पर ऐसा प्रतीत होता है कि तथाकथित व्हिसलब्लोअर (मामला उजागर करने वाला) वास्तव में अंधेरे में सीटी बजा रहा है।’’
पीठ उन याचिकाओं पर विचार कर रही थी, जिनमें पेट्रोल पंप के लिए 12 पेड़ों की कटाई की अनुमति की मांग भी शामिल थी।
पीठ ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) की एक रिपोर्ट पर गौर किया, जिसमें सिफारिश की गई थी कि शीर्ष अदालत कुछ नियमों और शर्तों के अधीन इन पेड़ों को काटने की अनुमति देने पर विचार कर सकती है-जिसमें भरपाई के लिए स्वदेशी प्रजातियों के कम से कम 150 पेड़ लगाया जाना भी शामिल है।
‘एमिकस क्यूरी’ (न्याय मित्र) के रूप में अदालत की सहायता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ए.डी.एन. राव ने पीठ को बताया कि सीईसी ने मामले पर गौर किया था और एक रिपोर्ट सौंपी थी। राव ने सीईसी रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया कि अन्य अर्जी अदालत की अनुमति के बिना पेड़ों की कथित अवैध कटाई को शीर्ष अदालत के ध्यान में लाने के लिए दायर की गई थी।
टीटीजेड क्षेत्र में अदालत की मंजूरी के बिना अवैध रूप से पेड़ों को काटने और पेट्रोल पंप स्थापित करने पर रोक लगाने का मुद्दा उठाने वाले याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा कि उनका आवेदन पहले सीईसी को भेजा गया था।
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