मुंबई, आठ अप्रैल बंबई उच्च न्यायालय ने धनशोधन मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को स्थगित कर दी और इसके साथ अदालत ने चिकित्सा आपात स्थिति का हवाला देते हुए जमानत याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध करने के चलन की निंदा की।
अदालत ने कहा कि चिकित्सीय आधार पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध एक समस्या बन गई है। न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की एकल पीठ ने देशमुख के वकील को लिखित रूप से बताने का निर्देश दिया कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पाटी (राकांपा) के नेता किस चिकित्सा आपात स्थिति का सामना कर रहे हैं।
पीठ ने कहा कि देशमुख के वकीलों ने उनकी जमानत याचिका पर चिकित्सा आपात स्थिति के आधार पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था।
न्यायमूर्ति प्रभुदेसाई ने कहा, "इस याचिका को दायर किए जाने के एक दिन बाद ही सूचीबद्ध किया गया था क्योंकि तत्काल सुनवाई का अनुरोध करने वाले आवेदन में चिकित्सा आधार का उल्लेख किया गया था। अन्यथा कई वर्षों से लंबित पुरानी जमानत याचिकाओं को प्राथमिकता दी जाती है।"
पीठ ने आगे कहा कि कई आरोपी पांच और दस साल से अधिक समय से जेल में बंद हैं।
न्यायमूर्ति प्रभुदेसाई ने कहा कि कई जमानत याचिकाओं में यह एक समस्या बन गई है, जहां चिकित्सा आपात स्थिति के आधार पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया जाता है।
देशमुख के वकील अनिकेत निकम ने अदालत से कहा कि इस मामले में चिकित्सा आपात स्थिति थी और राकांपा के वरिष्ठ नेता को कंधे के इलाज के लिए सरकारी जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
निकम ने अदालत से देशमुख के स्वास्थ्य की स्थिति पर मेडिकल रिपोर्ट मांगने का आग्रह किया, लेकिन अदालत ने ऐसा करने से मना कर दिया और निकम को आवेदन दायर कर यह बताने को कहा कि देशमुख किस चिकित्सा आपात स्थिति का सामना कर रहे हैं।
अदालत ने देशमुख की याचिका पर सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने देशमुख को नवंबर 2021 में गिरफ्तार किया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
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