अगरतला, 2 मार्च : त्रिपुरा की 60 विधानसभा सीट (Assembly Seat) पर 16 फरवरी को हुए चुनाव के लिए बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना शुरू हुई. एक वरिष्ठ निर्वाचन अधिकारी ने यह जानकारी दी. राज्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP)-इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) तथा वाम मोर्चा-कांग्रेस के गठबंधन और पूर्व शाही वंशज प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा द्वारा बनाई गई नयी पार्टी टिपरा मोथा के बीच एक त्रिकोणीय मुकाबला है. कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए त्रिपुरा में कुल 25,000 सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) जी.
किरणकुमार दिनकरराव ने कहा, ‘‘किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत पूरे राज्य में एक मार्च शाम छह बजे से तीन मार्च सुबह छह बजे तक निषेधाज्ञा लागू की गई है, लेकिन आवश्यक सेवाओं और परीक्षार्थियों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है.’’ राज्य में 16 फरवरी को हुए मतदान में कुल 28.12 लाख मतदाताओं में से 89.98 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. उन्होंने कहा, ‘‘मतगणना 21 स्थानों पर हो रही है. करीब पांच से आठ दौर की मतगणना होगी. रुझान दोपहर तक सामने आने की उम्मीद है.’’ सुरक्षाकर्मियों ने अगरतला के विभिन्न इलाकों में फ्लैग मार्च भी किया. विभिन्न राजनीतिक दलों के 259 उम्मीदवार मैदान में हैं. यह भी पढ़ें : Tripura Election Result 2023: त्रिपुरा के रुझानों में बीजेपी को बहुमत, लेफ्ट 3 और TMP 5 सीट पर आगे
मुख्यमंत्री माणिक साहा टाउन बारडोवली निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक सिपाहीजाला जिले के धनपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के प्रदेश सचिव जितेंद्र चौधरी सबरूम सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वाममोर्चा पहली बार अपने पूर्व कट्टर प्रतिद्वंदी कांग्रेस के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रहा है. विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा ने 36 सीटें जीतीं, जबकि उसके सहयोगी आईपीएफटी ने 18 सीटों पर जीत हासिल की. माकपा के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा 16 सीटों पर विजयी हुआ, जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली.