मुंबई: टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के शोधकर्ताओं का मानना है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच मुंबई (Mumbai) में छह से 13 जनवरी के बीच संक्रमण के मामले चरम पर पहुंच सकते हैं और इसमें कमी आने में एक माह का समय लग सकता है. Mumbai COVID-19 Updates: मुंबई में कोरोना के मामलों में बड़ी उछाल, बीते 24 घंटे में 10 हजार 860 नए केस
टीआईएफआर के प्रौद्योगिकी एवं कम्प्यूटर साइंस स्कूल में वरिष्ठ प्रोफेसर संदीप जुनेजा ने कहा कि फरवरी में संक्रमण से सर्वाधिक मौतें हो सकती हैं लेकिन पिछले वर्ष मार्च से मई के बीच संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान हुई मौतों से 30 से 50 प्रतिशत तक कम होंगी. मुंबई में मंगलवार को संक्रमण के 10,860 मामले सामने आए, जो सात अप्रैल 2021 के बाद से सर्वाधिक मामले हैं.
जुनेजा ने कहा,‘‘मुंबई में छह से 13 जनवरी के बीच संक्रमण के मामले चरम पर पहुंच सकते हैं और इसमें कमी आने में एक माह का वक्त लग सकता है. संक्रमण से सर्वाधिक मौतें पिछले वर्ष मार्च से मई के बीच संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान हुई मौतों से 30 से 50 प्रतिशत तक कम होने का अनुमान है.’’
हालांकि उन्होंने इस अवधि में संक्रमण के मामलों की संख्या के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की. साथ ही उन्होंने कहा ‘‘लोगों के अस्पताल में भर्ती होने की संख्या भी दूसरी लहर की तुलना में 50-70 प्रतिशत तक कम होने का अनुमान है.’’ जुनेजा ने कहा कि आंकडें टीआईएफआर के मुंबई एबी सिमुलेटर के प्रारंभिक आकलन पर जारी किए गए हैं और ये अनुमान दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन के आंकडों पर आधारित हैं.
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