कोरोना वायरस: भारत खाड़ी देशों के उपायों के, भारतीयों पर संभावित प्रभावों का पता लगा रहा है
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नयी दिल्ली, 13 अप्रैल भारत कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए संयुक्त अरब अमीरात और कतर जैसे कई खाड़ी देशों द्वारा उठाये गये व्यापक उपायों से भारतीयों पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों का पता लगा रहा है।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि खाड़ी क्षेत्र में भारतीय मिशनों से, महामारी के मद्देनजर संकट में फंसे भारतीयों को हर-संभव सहायता उपलब्ध कराने को कहा गया है।

खाड़ी देशों में लगभग 80 लाख लोग रहते हैं और महामारी के मद्देनजर इन लोगों के बीच अपनी आजीविका को लेकर चिंताएं बढ़ रही है।

लगभग सभी खाड़ी देशों ने इस महामारी से निपटने के लिए पूर्ण लॉकडाउन, यात्रा प्रतिबंधों और सीमाओं को बंद करने समेत कई कदम उठाये है।

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) पहले ही उन देशों के खिलाफ संभावित कार्रवाई की चेतावनी दे चुका है जो अपने नागरिकों को वापस लौटने की अनुमति देने से इनकार करते है।

यूएई में लगभग 33 लाख भारतीय रह रहे हैं। इन भारतीयों में ज्यादातर लोग केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के है।

नीतिगत फैसले के रूप में भारत ने देश में चल रहे लॉकडाउन की अवधि समाप्त होने तक विदेशों से फंसे हुए भारतीयों को वापस नहीं लाने का फैसला किया है। हालांकि देश में 21 दिन के लॉकडाउन की अवधि मंगलवार को समाप्त हो जायेगी और ऐसा माना जा रहा है कि सरकार कुछ छूट के साथ इसे और दो सप्ताह के लिए बढ़ा सकती है।

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