मुंबई, 18 मार्च कई राज्यों में कोरोना वायरस महामारी का एक बार फिर प्रसार होने से शेयर बाजारों में बृहस्पतिवार को लगातार पांचवें दिन गिरावट का रुख रहा। अमेरिकी फेडरेल रिजर्व के अनुकूल रुख से जहां वैश्विक बाजारों में बढ़त दर्ज की गई वहीं भारत में कोविड- 19 की दूसरी लहर शुरू होने के डर से बाजार सहम गया है।
उतार चढ़ाव भरे कारोबार में बंबई शेयर बाजार (बीएसई) का सेंसेक्स कारोबार की शुरुआत में करीब 500 अंक तक चढ़ गया था। यह तेजी बरकार नहीं रह सकी और अंत में सेंसेक्स पिछले दिन के मुकाबले 585.10 अंक यानी 1.17 प्रतिशत गिरकर 49,216.52 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी सूचकांक भी 163.45 अंक यानी 1.11 प्रतिशत गिरकर 14,557.85 अंक पर बंद हुआ।
इसके साथ ही पांच कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स में 2,062.99 अंक और निफ्टी में 616.95 अंक की गिरावट आ चुकी है। बृहस्पतिवार की गिरावट से निवेशकों की संपत्ति में तीन लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ वहीं पिछले पांच दिन में आई गिरावट से करीब नो लाख करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है।
पिछले कुछ दिनों के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियों के शेयरों में बढ़त का रुख रहा लेकिन बृहस्पतिवार को इनमें मुनाफा वसूली से गिरावट का रुख रहा। एचसीएल टेक में सबसे ज्यादा 3.97 प्रतिशत की गिरावट रही। इसके बाद इन्फोसिस, डा. रेड्डीज लैब, टीसीएस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिन्द्रा और एनटीपीसी में भी गिरावट रही।
इसके विपरीत आईटीसी, बजाज आटो, महिन्द्रा एण्ड महिन्द्रा, मारुति और भारती एयरटेल में 3.25 प्रतिशत तक लाभ रहा।
रिलायंस सिक्युरिटीज में रणनीतिक कारोबार के प्रमुख बिनोद मोदी ने कहा, ‘‘सकारात्मक वैश्विक संकेतों के चलते बाजार में शुरुआत मजबूती के साथ हुई लेकिन देश के भीतर कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि तेज होने से निवेशकों का उत्साह जाता रहा और बाजार लगातार पांचवें दिन गिरावट में रहा।’’
उन्होंने कहा कि कोविड- 19 के दैनिक संक्रमण के मामले 30 हजार से ऊपर निकल जाने से उद्योग धंधों के कामकाज में जो सुधार का रुख आ रहा था उसको लेकर शंका बढ़ने लगी है। कई शहरों में रात्रि कर्फ्यू लागू कर दिया गया है और नये शहर इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं।
अमेरिका में दस साल की परिपक्वता वाले सरकारी बॉंड पर निवेश प्रतिफल की दर बढ़कर 1.72 प्रतिशत पर पहुंच जाने का भी शेयर बााजर के प्रति धारणा पर प्रतिकूल असर रहा।
अमेरिका के फेडरेल रिजर्व ने दो दिन की बैठक की समाप्ति पर बुधवार को निवेशकों को संकेत दिया कि वह 2023 तक नीतिगत ब्याज दरों को शून्य के पास बनाये रख सकता है। उसने इस साल अमेरिकी अर्थव्यवस्था में तेज वृद्धि का अनुमान लगाया है।
अमेरिकी बाजार बुधवार को लाभ में बंद हुए। एशियाई बाजारों में शंघाई, हांगकांग, टोक्यो और सोल में बुधवार को तेजी रही। वहीं, यूरोप के बाजार भारतीय समयानुसार अपराह्न मजबूती के साथ खुले।
इस बीच कच्चे तेल के वैश्विक बाजार में ब्रेंट क्रूड का भाव 0.40 प्रतिशत गिरकर 67.73 डालर प्रति बैरल पर रह गया। वहीं, भारतीय रुपया अपनी शुरुआती बढ़त को गंवाते हुये दो पैसे ऊंचा रहकर 72.53 रुपये प्रति डालर रह गया।
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