नयी दिल्ली, 31 जनवरी लोकसभा और राज्यसभा की संयुक्त बैठक को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा बुधवार को संबोधित किए जाने के बाद उनके अभिभाषण की प्रति लोकसभा के पटल पर रखी गई और फिर सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भविष्य में राष्ट्रपति के संबोधन के लिए दोनों सदनों की संयुक्त बैठक लोकसभा के कक्ष में आयोजित करने की अनुमति देने के लिए नियमों में रियायत की भी घोषणा की।
दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को मुर्मू द्वारा संबोधित किए जाने के बाद लोकसभा की बैठक शुरू हुई। बिरला ने ‘लोकसभा में प्रक्रिया और कार्यवाही’ से संबंधित नियम 384 के तहत रियायत देने के लिए सदन की सहमति ली और प्रस्तावित किया कि सदन का उपयोग राष्ट्रपति के संबोधन के लिए किया जाए।
नियम 384 में कहा गया है, ‘‘सदन के कक्ष का उपयोग सदन की बैठकों के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जाएगा।’’
संविधान के अनुच्छेद 87 के अनुसार, राष्ट्रपति वर्ष के पहले सत्र की शुरुआत में और चुनाव के बाद नई लोकसभा के गठन के पश्चात दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हैं।
राष्ट्रपति ने बुधवार को अपना अभिभाषण लोकसभा कक्ष में दिया। इस दौरान दोनों सदनों के सदस्य मौजूद थे।
नए संसद भवन में राष्ट्रपति का यह पहला संबोधन था।
पूर्व में राष्ट्रपति दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को पुराने संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में संबोधित करते थे।
अध्यक्ष बिरला ने असम से पूर्व लोकसभा सदस्य भद्रेश्वर तांती और महाराष्ट्र के धुले से पूर्व लोकसभा सदस्य प्रताप नारायणराव सोनावणे के निधन के बारे में सदन को सूचित किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
विशेषाधिकार समिति की एक रिपोर्ट भी सदन के पटल पर रखी गयी। इसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी।
हक
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)