COP 15: अध्यक्षता कर रहे चीन (China) ने रविवार सुबह एक मसौदा जारी किया जिसमें 2030 तक जैव विविधता के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाली 30 प्रतिशत भूमि व जल के संरक्षण का आह्वान किया गया है. वर्तमान में 17 प्रतिशत भूमि व 10 प्रतिशत समुद्री क्षेत्रों का संरक्षण किया गया है. यह लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और प्रदूषण को कम करने के प्रयासों को फिर से बढ़ाने का भी आह्वान करता है. प्रकृति के संरक्षण संबंधी अभियान समूह के निदेशक ब्रायन ओ डॉनेल ने कहा, ‘‘ विश्व स्तर पर कभी भी संरक्षण के लिए इतना बड़ा लक्ष्य नहीं रखा गया.’’
उन्होंने कहा, ‘‘ यह हमें जैव विविधता को नष्ट होने से बचाने का एक अवसर प्रदान करता है... अब हम उस स्तर पर पहुंच गए हैं जिसके बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि उससे जैव विविधता में एक उल्लेखनीय अंतर आ सकता है.’’ मसौदे में 2030 तक जैव विविधता के लिए 200 अरब डॉलर जुटाने और सब्सिडी को समाप्त करने या उसमें सुधार करने के लिए काम करने का भी आह्वान किया गया है, जिससे इसे और 500 अरब डॉलर मिल सकते हैं. यह भी पढ़े: Coronavirus Pandemic: चीन में कोरोना से फिर बिगड़े हालात, बीजिंग में अंतिम संस्कार के लिए लग रही लंबी कतारें
इसमें विकासशील देशों को दी जाने वाली राशि को वार्षिक रूप से कम से कम 20 अरब डॉलर तक बढ़ाने या 2025 तक विकासशील देशों को दी जाने वाली राशि को दोगुना करने का आह्वान भी किया गया है. यह राशि 2030 तक प्रति वर्ष 30 अरब अमरीकी डॉलर तक बढ़ जाएगी. गौरतलब है कि भारत ने जैवविविधता को हुए नुकसान को रोकने और उसकी भरपाई करने के वास्ते 2020 के बाद की वैश्विक रूपरेखा को सफलतापूर्वक लागू करने में विकासशील देशों को मदद देने के लिए एक नया एवं समर्पित कोष बनाने की तत्काल आवश्यकता है
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