जयपुर, चार जुलाई: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बढ़ती महंगाई के लिए केन्द्र सरकार की गलत नीतियों और नीयत को जिम्मेदार ठहराया है. गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार ने पिछले सात साल महंगाई को कम करने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जिसके कारण आज इतनी महंगाई हो गई है कि आम आदमी को अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है. श्रम मंत्रालय के अनुसार, औद्योगिक श्रमिकों के लिए वार्षिक आधार पर खुदरा मुद्रास्फीति मई में 5.24 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 5.14 प्रतिशत और पिछले साल मई में 5.10 प्रतिशत थी. इसी तरह, खाद्य मुद्रास्फीति मई में 5.26 प्रतिशत रही, जो अप्रैल में 4.78 प्रतिशत और पिछले साल मई में 5.88 प्रतिशत थी.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण पहले ही सभी की आमदनी कम हुई है एवं बढ़ती महंगाई ने आम आदमी के जेबखर्च का हिसाब बिगाड़ दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘यह दिखाता है कि केन्द्र सरकार बुरी तरह असफल हो गई है, जिसके पास ना तो सही नीति है और ना ही साफ नीयत है. पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस से लेकर रोजमर्रा के इस्तेमाल की सभी चीजें महंगी होती जा रही हैं.’’ उन्होंने कहा कि बाजार में आम आदमी के इस्तेमाल की वस्तुओं की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं.
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मुख्यमंत्री कहा कि ये सभी रोजमर्रा में इस्तेमाल आने वाले जरूरी सामान हैं. उन्होंने कहा कि एक लीटर सरसों के तेल की कीमत 180-190 रुपये तक पहुंचना आम आदमी से भोजन छीनने जैसा है. गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 14 महीने में रसोई गैस सिलेंडर के दाम 255 रुपये बढ़ा दिए हैं. उन्होंने कहा कि गैस सब्सिडी भी अब पूरी तरह बन्द हो गई है जिससे आमजन खाना पकाने के लिए सिलेंडर छोड़कर पुनः कोयला और लकड़ी के इस्तेमाल को मजबूर हो रहे हैं.
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