देश की खबरें | कांग्रेस के भरोसेमंद और साफ-सुथरी छवि वाले नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने अपने गढ़ में चखा हार का स्वाद

मुंबई, 24 नवंबर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गृह जिले कराड में मिली हार उनके दशकों लंबे राजनीतिक जीवन के लिए एक बड़ा झटका है।

राज्य के सबसे शिक्षित विधायकों में से एक चव्हाण अपने राजनीतिक करियर में राज्य के मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्री भी बने।

साफ-सुथरी और गैर-विवादास्पद छवि के लिए जाने जाने वाले चव्हाण (78) 2010 में उस समय राज्य के मुख्यमंत्री बने थे जब कांग्रेस भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रही थी।

हाल ही में जब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कराड दक्षिण विधानसभा सीट पर प्रचार किया तो उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि चव्हाण अंतरराष्ट्रीय स्तर के राजनेता हैं और राज्य विधानसभा के लिए अनुपयुक्त हैं।

चव्हाण के आलोचकों को भी यह जानकर आश्चर्य हुआ कि शनिवार को घोषित विधानभा चुनाव के परिणामों में उन्हें भाजपा के अतुल भोसले से लगभग 40,000 मतों से हार मिली है।

यह हार चव्हाण के साथ-साथ कांग्रेस के लिए भी एक बहुत बड़ा झटका है, जिसे राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में मात्र 16 सीट पर जीत मिली। यह कांग्रेस की अब तक की सबसे बुरी हार है।

बिट्स पिलानी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले से स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाले चव्हाण ने 1991 में पूरी तरह राजनीति में आने से पहले चार साल तक अमेरिकी वैमानिकी उद्योग में अनुसंधान इंजीनियर के रूप में काम किया।

भारत में उन्होंने रक्षा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और विशेष प्रयोजन कंप्यूटर विकसित करने के लिए एक कंपनी की स्थापना की तथा भारतीय कंप्यूटिंग के क्षेत्र में अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके पिता और कांग्रेस के नेता दाजीसाहेब चव्हाण जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी की सरकार में मंत्री थे।

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