Bharat Jodo Nyay Yatra’: कांग्रेस 17 मार्च को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के समापन पर रैली से चुनावी बिगुल फूंकेगी- नाना पटोले
कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 17 मार्च को मुंबई के शिवाजी पार्क में एक रैली के आयोजन के साथ समाप्त होगी.
मुंबई, 8 मार्च : कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 17 मार्च को मुंबई के शिवाजी पार्क में एक रैली के आयोजन के साथ समाप्त होगी. उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि इस रैली में पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव के लिये चुनावी बिगुल फूंकेगी. पटोले ने कहा कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ 12 मार्च को नंदुरबार से महाराष्ट्र में प्रवेश करेगी और इसकी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं. उन्होंने कहा,''न्याय यात्रा की समापन रैली 17 मार्च को मुंबई के शिवाजी पार्क में होगी.'' उन्होंने यह भी बताया कि रैली के लिए पार्टी को सारी अनुमति मिल गई है.
पटोले ने कहा कि महा विकास आघाडी (एमवीए) के नेता भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाला राकांपा समूह शामिल हैं. उन्होंने कहा, ''हम (कांग्रेस) यहां से आगामी लोकसभा चुनाव के लिए चुनावी बिगुल फूकेंगे. यात्रा से पहले कांग्रेस नेताओं ने बृहस्पतिवार को पार्टी के राज्य प्रभारी रमेश चेन्निथला की मौजूदगी में समीक्षा बैठक की थी. पटोले ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा, ''भाजपा अन्य दलों से नेताओं को चुरा रही है, क्योंकि उसके पास अपने स्वयं के सक्षम उम्मीदवार नहीं हैं.'' उन्होंने उम्मीदवारों की पहली सूची में नागपुर के रहने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को शामिल नहीं करने पर भी सत्तारूढ़ दल पर कटाक्ष किया. यह भी पढ़ें : Sandeshkhali Case: मेरे खिलाफ सभी आरोप झूठे हैं, अल्लाह करेगा अंतिम न्याय- शेख शाहजहां
उन्होंने कहा, ''ऐसे राष्ट्रीय नेता (गडकरी) का नाम भाजपा की पहली सूची में होना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कांग्रेस के पास नागपुर के लिए एक सक्षम उम्मीदवार है, इसलिए इस बार पार्टी यहां (नागपुर) से जीतेगी.’’ उन्होंने यह भी कहा कि वे सांगली में भी उम्मीदवार उतारेंगे. भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 23 सीट पर जीत हासिल की थी. वहीं, भाजपा के बाद अविभाजित शिवसेना ने 18 सीट हासिल की थीं. जहां राकांपा को चार सीट पर जीत मिली थी, वहीं कांग्रेस और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को एक-सीट पर विजय मिली थी और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई थी