प्रह्लाद जोशी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले संत का समर्थन करने पर विचार करेगी कांग्रेस

कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने धारवाड़ लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले प्रमुख संत को पार्टी का समर्थन दिए जाने की संभावना से बुधवार को इनकार नहीं किया.

Minister Prahlad Joshi

बेंगलुरु, 10 अप्रैल : कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष डी. के. शिवकुमार ने धारवाड़ लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा करने वाले प्रमुख संत को पार्टी का समर्थन दिए जाने की संभावना से बुधवार को इनकार नहीं किया. राज्य के उपमुख्यमंत्री शिवकुमार से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. शिरहट्टी फकीरेश्वर मठ के फकीरा दिंगलेश्वर स्वामी ने ब्राह्मण समुदाय के सदस्य जोशी पर निशाना साधते हुए उन पर वीरशैव-लिंगायत व अन्य समुदायों को "दबाने" और सत्ता में बने रहने के लिए लिंगायत 'मठों' का दुरुपयोग करने एवं उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया था. शिवकुमार ने कहा कि पार्टी ने पहले ही धारवाड़ सीट के लिए अपने उम्मीदवार- विनोद आसुति- की घोषणा कर दी है और वह मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से बात करेंगे.

शिवकुमार ने कांग्रेस की ओर से संत को परोक्ष समर्थन दिए जाने के बारे में पूछने पर कहा, “कुछ भी परोक्ष नहीं है, अगर हम (संत को समर्थन देना) चाहेंगे तो हम प्रत्यक्ष रूप से ऐसा करेंगे. यह अलग मामला है. हम अपने उम्मीदवार का नाम तय कर चुके हैं.” कहा, ‘‘अगर उन्होंने (संत) ने पहले कहा होता तो यह अलग बात होती, अब एक प्रस्ताव है. हम युवा कांग्रेस के विनोद (विनोद आसुति) को टिकट दे चुके हैं और वह काम में जुट गए हैं.’’ उन्होंने यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा, “एक अनुरोध किया गया है...हम संत का सम्मान करते हैं, क्योंकि वह धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण के साथ काम कर रहे हैं. हमारा उम्मीदवार अच्छा है. मुख्यमंत्री और मैं आज या कल इसपर चर्चा करेंगे.” शिवकुमार ने पिछली कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार गिराने के आरोपी भाजपा नेताओं को वोक्कालिगा समुदाय के प्रभावशाली महंत के पास ले जाने के लिए जद(एस) के नेता एच. डी. कुमारस्वामी की आलोचना भी की. निर्मलानंदनाथ स्वामीजी आदिचुंचनगिरि मठ के प्रमुख हैं, जिसका वोक्कालिगा समुदाय के बीच काफी महत्व है. शिवकुमार और कुमारस्वामी वोक्कालिगा समुदाय से संबंध रखते हैं. यह भी पढ़ें : कच्चातिवु द्वीप पर दिग्विजय सिंह के बयान पर बरसी भाजपा, कहा – ‘देश की भूमि को परिवार की जायदाद समझती है कांग्रेस’

कुमारस्वामी ने कहा, "मुझे उनके मठ में जाने और स्वामीजी से मिलने में कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने आज ऐसा किया है, मैंने इसे टीवी पर देखा... वोक्कालिगा और समुदाय के संत मूर्ख नहीं हैं. वे (संत) उनसे मिलने, मालाएं पहनाने के लिए आने वाले लोगों का स्वागत कर सकते हैं. वे (संत) हमारी ओर से या उनकी ओर से कुछ नहीं करते हैं, मुझे पता है...समुदाय के लोग देख रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि स्वामीजी को "वोक्कालिगा समुदाय के मुख्यमंत्री" (जुलाई 2019 में कुमारस्वामी) की सरकार गिराने के बारे में भाजपा से सवाल पूछना चाहिए था. कांग्रेस नेता ने कहा, "मुझे नहीं पता कि स्वामीजी में सवाल उठाने की ताकत है या नहीं. जो (भाजपा नेता) आज (मठ में) गए थे, उन्होंने ही वोक्कालिगा मुख्यमंत्री की सरकार गिराई थी, कोई भी सच्चाई नहीं छिपा सकता."

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