देश की खबरें | कांग्रेस ने गलवान के शहीदों को याद किया, बोली: अभी सरकार को स्पष्टीकरण देने हैं

नयी दिल्ली, 15 जून कांग्रेस ने गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ भारतीय जवानों की हिंसक झड़प की बरसी पर मंगलवार को जवानों के बलिदान को याद किया और कहा कि इस घटना को लेकर सरकार को देश की जनता के समक्ष अभी कई स्पष्टीकरण देने हैं।

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि एक वर्ष का समय गुजरने के बाद भी इस घटना से जुड़े हालात को लेकर स्पष्टता नहीं है तथा सरकार देश को विश्वास में ले और यह सुनिश्चित करे कि उसके कदम देश के जवानों की प्रतिबद्धता के अनुकूल रहे हैं।

सोनिया ने यह दावा किया कि सैनिकों के पीछे हटाने का जो समझौता चीन के साथ हुआ है उससे भारत का नुकसान दिखाई पड़ता है।

उनके मुताबिक, इसका बहुत ही धैर्य का साथ इंतजार किया गया कि सरकार सामने आएगी और देश को उन हालात के बारे में सूचित करेगी जिनमें यह अप्रत्याशित घटना घटी तथा वह लोगों को विश्वास दिलाएगी की हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

सोनिया ने कहा, ‘‘अब कांग्रेस पार्टी अपनी इस चिंता को फिर से प्रकट करती है कि अब तक कोई स्पष्टता नहीं है और इस विषय पर प्रधानमंत्री का आखिरी वक्तव्य पिछले साल आया था कि कोई घुसपैठ नहीं हुई।’’

उन्होंने यह भी कहा, ‘‘हमने प्रधानमंत्री के बयान के संदर्भ में बार बार ब्यौरा मांगा और अप्रैल, 2020 से पूर्व की यथास्थिति बहाल करने की दिशा में हुई प्रगति का विवरण भी मांगा। चीन के साथ सेनाओं को पीछे हटाने का जो समझौता हुआ है, उससे लगता है कि यह अब तक भारत के लिए पूरी तरह नुकसानदेह रहा है।’’

सोनिया ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी आग्रह करती है कि सरकार देश को विश्वास में ले और यह सुनिश्चित करे कि उसके कदम हमारे उन जवानों की प्रतिबद्धता के अनुकूल हैं जो मुस्तैदी के साथ हमारी सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं।’’

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा, ‘‘मैं गलवान में पीएलए के सैनिकों के साथ झड़प में अपना जीवन बलिदान करने वाले बिहार रेजीमेंट के 20 जवानों को याद करने में इस कृतज्ञ राष्ट्र के साथ खुद को शामिल करता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इस घटना को लेकर कई सवालों के जवाब अभी नहीं मिले और सरकार को जनता के समक्ष कई स्पष्टीकरण देने हैं।’’

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘गलवान में देश की सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर करने वाले सभी वीर सपूतों को सादर नमन। हमारे 20 योद्धाओं को शहीद हुए 1 साल हो गया। चीनी आज भी हमारी ज़मीन पर जबरन क़ाबिज़ हैं। मोदी सरकार देश की रक्षा में विफल रही है।’’

पार्टी ने ‘गलवान के शहीदों के लिए न्याय’ की मांग करते हुए सोशल मीडिया अभियान भी चलाया।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने संवाददाताओं से बातचीत में सवाल किया, ‘‘आखिर 20 जांबाज सैनिकों की शहादत का बदला हम कब और कैसे लेंगे? अप्रैल 2020 की यथावत स्थिति कब स्थापित होगी? हॉट स्प्रिंग, गोगरा और डेपसांग से चीनी सैनिकों को कब खदेड़ा जाएगा? इसकी क्या नीति है? इस पर कौन सी बात हो रही है?’’

उन्होंने यह भी पूछा, ‘‘जिस कैलाश रेंज पर हमारी सेना ने कब्जा किया था और जिससे चीन घबराता था, अपने समझौते में उस रेंज से सेना को हटाने की ऐसी क्या जल्दी थी? पैंगोंग झील के उत्तरी छोर पर फिंगर 4 पर हमारी सेना की पोस्ट को फिंगर 3 पर पीछे हटा, बफर ज़ोन अपनी ही सरज़मीं में क्यों बनाया गया?’’

कांग्रेस प्रवक्ता ने यह सवाल भी किया, ‘‘सरकार ने 2018 में माउंटेन स्ट्राइक कोर को ठंडे बस्ते में क्यों डाल दिया? क्या प्रधानमंत्री ने अपने बहुप्रचारित निजी संपर्क का शीर्ष चीनी नेतृत्व के साथ स्पष्टीकरण मांगने के लिए इस्तेमाल किया और अगर नहीं किया तो इस आत्मीयता का मतलब ही क्या है?’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि प्रधानमंत्री मोदी, जो कि चीन का नाम लेने से कतराते हैं, इन वीर सैनिकों की शहादत को व्यर्थ न होने दें। आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य कार्रवाई के माध्यम से चीन को कड़ा सबक सिखाएं।’’

गौरतलब है कि पिछले साल 14-15 जून की दरम्यानी रात पीएलए के सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में 20 जवान शहीद हो गए । बाद में कई खबरों के माध्यम से यह जानकारी सामने आई कि इस झड़प में चीन के भी कई सैनिक मारे गए।

हक

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