देश की खबरें | कांग्रेस की दिलचस्पी सिर्फ गरीबों को गरीबी में रखने में है : नड्डा

नयी दिल्ली, 22 अक्टूबर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके लिए सार्वजनिक सेवा मुहैया कराना एक ‘अलग अवधारणा’ हो सकती है, क्योंकि उसकी एकमात्र दिलचस्पी ‘गरीबों को गरीबी में रखने में’ है।

यह प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर एक सरकारी आदेश पर आपत्ति जताई है। पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों को सरकार की पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों का ‘प्रचार’ करने का हालिया आदेश ‘नौकरशाही का राजनीतिकरण’ है। उन्होंने इस आदेश को वापस लेने की मांग की।

अपने पत्र में खरगे ने दावा किया कि आदेश में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव जैसे उच्च रैंक के वरिष्ठ अधिकारियों को देश के सभी 765 जिलों में ‘रथ प्रभारी’ के रूप में तैनात किया जाना है, जो ‘भारत सरकार की पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों का प्रचार करेंगे’।

नड्डा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मुझे यह देखकर आश्चर्य होता है कि कांग्रेस पार्टी को योजनाओं की संतृप्ति सुनिश्चित करने के लिए जमीनी स्तर तक लोक सेवकों के पहुंचने से समस्या है।’’

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शनिवार को वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के 18 अक्टूबर के उस आदेश को ‘एक्स’ पर साझा किया था, जो देश के 765 जिलों में से प्रत्येक में रथ प्रभारी (विशेष अधिकारी) के रूप में तैनात किए जाने वाले विभिन्न सेवाओं से संबंधित संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव रैंक के अधिकारियों को नामित किये जाने के संबंध में था। इन 765 जिलों के 2.69 लाख ग्राम पंचायतों को इसमें शामिल किया गया है।

नड्डा ने कहा कि यह कांग्रेस के लिए एक अलग अवधारणा हो सकती है, लेकिन सार्वजनिक सेवा प्रदान करना एक सरकार का कर्तव्य है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अगर (नरेन्द्र) मोदी सरकार सभी योजनाओं की संतृप्ति सुनिश्चित करना चाहती है और यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सभी लाभार्थियों तक पहुंचे, तो किसी को भी समस्या नहीं हो सकती, जिसके मन में गरीबों का हित हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, कांग्रेस की दिलचस्पी केवल गरीबों को गरीबी में रखने में है और इसलिए वे संतृप्ति अभियान का विरोध कर रहे हैं।’’

आदेश में 14 अक्टूबर के कृषि सचिव के एक आंतरिक आदेश का उल्लेख किया गया है, जिसमें 20 नवंबर से 25 जनवरी तक ग्राम पंचायत स्तर पर सूचना, जागरूकता और सेवाओं के प्रसार के लिए देश भर में प्रस्तावित ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की पिछले नौ वर्षों की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने या जश्न मनाने के बारे में कहा गया है।

आदेश में कहा गया है, ‘‘रथ यात्रा की तैयारियों, योजना, निष्पादन, निगरानी के वास्ते समन्वय के लिए, उन्होंने रथ प्रभारी (विशेष अधिकारी) के रूप में भारत सरकार के संयुक्त सचिवों/ निदेशक/ उप सचिवों को तैनात करने का निर्णय लिया है।’’

आधिकारिक सूत्रों ने शनिवार को कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की पूर्ण संतृप्ति सुनिश्चित करने के लिए छह महीने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए भाजपा के सूचना व प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘किसने कहा कि भारत सरकार में नौकरशाह लागू किए गए कार्यक्रमों और योजनाओं के बारे में बात करने के लिए नहीं हैं?’’

उन्होंने कहा, ‘‘क्या उन्हें सिर्फ कार्यालयों में बैठना चाहिए और प्रभाव का आकलन करने के लिए जमीन पर नहीं होना चाहिए?

मालवीय ने कहा कि नौकरशाह लोगों की सेवा करने के लिए ‘कर्तव्यबद्ध’ हैं, जैसा कि निर्वाचित सरकार उचित समझती है।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मालवीय ने कहा, ‘‘सिर्फ इसलिए कि पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं और आम चुनाव सात महीने दूर हैं, क्या हमें शासन छोड़ देना चाहिए?’’

उन्होंने कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर भी हर साल चुनाव की परवाह किए बिना नरेन्द्र मोदी ने सुनिश्चित किया कि जून-जुलाई के दौरान उनके नौकरशाह मैदान में उतरें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्कूल जाने वाले सभी बच्चे दाखिला लें।

मालवीय ने कहा कि इसने गुजरात में सार्वभौमिक शिक्षा सुनिश्चित की।

उन्होंने कहा कि इसी तरह अगले छह महीनों में प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री किसान, फसल बीमा योजना, पोषण अभियान, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, जनऔषधि योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना, कौशल विकास कार्यक्रम, विश्वकर्मा योजना जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी को मिले।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘उनकी पूरी सरकार विकसित भारत संकल्प यात्रा नामक एक व्यापक संतृप्ति अभियान के तहत 2.7 लाख पंचायतों में फैलेगी और संभावित लाभार्थियों तक पहुंचेगी और उनका नामांकन करेगी।’’

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