देश की खबरें | कांग्रेस ने दिल्ली सेवा अध्यादेश की सार्वजनिक तौर पर निंदा नहीं की : आम आदमी पार्टी

नयी दिल्ली, 23 जून आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को दावा किया कि कांग्रेस ने दिल्ली की प्रशासनिक सेवाओं पर केंद्र के अध्यादेश की सार्वजनिक रूप से निंदा नहीं की है, जिसके चलते पार्टी के लिए विपक्षी दलों की भविष्य की ऐसी बैठकों में भाग लेना मुश्किल होगा, जहां कांग्रेस की मौजूदगी हो।

‘आप’ ने एक बयान में कहा कि कांग्रेस की ‘‘चुप्पी’’ उसके वास्तविक इरादों पर संदेह पैदा करती है।

यह बयान ऐसे दिन आया है, जब दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल सहित 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने पटना में मुलाकात की और अपने मतभेदों को दूर करके ‘‘एक साथ काम करने और 2024 का लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने का फैसला किया।’’

‘आप’ ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी थी कि अगर कांग्रेस ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन का वादा नहीं किया तो वह विपक्षी नेताओं की बैठक में शामिल नहीं होगी।

आम आदमी पार्टी ने अपने बयान में कहा, ‘‘ कांग्रेस लगभग सभी मुद्दों पर अपना रुख स्पष्ट करने वाली एक राष्ट्रीय पार्टी है, लेकिन इसने ‘काले अध्यादेश’ पर अब तक अपना रुख सार्वजनिक नहीं किया है। हालांकि, कांग्रेस की दिल्ली और पंजाब इकाइयों ने घोषणा की है कि पार्टी को इस मुद्दे पर मोदी सरकार का समर्थन करना चाहिए।’’

बयान में दावा किया गया, ‘‘आज पटना में समान विचारधारा वाले दलों की बैठक के दौरान कई दलों ने कांग्रेस से काले अध्यादेश की सार्वजनिक रूप से निंदा करने का आग्रह किया। हालांकि, कांग्रेस ने ऐसा करने से इनकार कर दिया।’’

‘आप’ ने अध्यादेश को ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए कहा कि कांग्रेस इतने अहम मुद्दे पर ‘टीम भावना’ की तरह काम करने से हिचकिचा रही है, जिसके चलते भविष्य में उसका (आप) ऐसे किसी भी गठबंधन में शामिल होना मुश्किल होगा, जिसका हिस्सा कांग्रेस हो।

‘आप’ ने कहा, ‘‘जब तक कांग्रेस सार्वजनिक रूप से काले अध्यादेश की निंदा नहीं करती और यह घोषणा नहीं करती कि राज्यसभा में उसके सभी 31 सदस्य सदन में अध्यादेश का विरोध करेंगे, आम आदमी पार्टी के लिए समान विचारधारा वाले दलों की भविष्य की ऐसी बैठकों में भाग लेना मुश्किल होगा, जहां कांग्रेस भागीदार है।’’

‘आप’ ने कहा कि अब समय आ गया है कि कांग्रेस तय करे कि वह दिल्ली की जनता के साथ खड़ी है या मोदी सरकार के साथ।

इसने आरोप लगाया, ‘‘व्यक्तिगत चर्चा में, वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने संकेत दिया है कि उनकी पार्टी अनौपचारिक या औपचारिक रूप से राज्यसभा में इस (अध्यादेश) पर मतदान से दूर रह सकती है।’’

आप ने दावा किया, ‘‘कांग्रेस के इस मुद्दे पर मतदान से दूरी बनाने से भाजपा को भारतीय लोकतंत्र पर और हमले करने में मदद मिलेगी।’’

‘आप’ की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने पीटीआई- से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘हमें विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी मिली है कि राहुल गांधी और भाजपा इस समझौते पर पहुंचे हैं कि कांग्रेस इस अवैध अध्यादेश के मुद्दे पर भाजपा के साथ खड़ी रहेगी।’’

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