देश की खबरें | कांग्रेस ने अदाणी मामले में फिर उठाई जेपीसी जांच की मांग

नयी दिल्ली, 11 सितंबर कांग्रेस ने बुधवार को अदाणी समूह से जुड़े मामले में एक बार फिर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग उठाई और कहा कि नियामक ढांचे से जुड़ी खामियों का पता लगाना जरूरी है।

अमेरिकी संस्था ‘हिंडेनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट में अदाणी समूह पर अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे और इसको लेकर कांग्रेस इस कारोबारी समूह पर निरंतर हमले कर रही है। अदाणी समूह ने सभी आरोपों को खारिज किया है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक खबर का हवाला देते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मोदानी के जादू से एक और निजी ‘पावर इन्फ्रा’ कंपनी के भाग्य बदलने और उसके अमीर बनने की यात्रा। डायमंड पावर इंफ्रा लिमिटेड को 2018 में दिवालियापन कोर्ट में घसीटा गया था। 2022 तक, गौतम अदाणी के बहनोई ने ऋण दाता को 501 करोड़ रुपए का भुगतान करने की कीमत पर, इस 1000 करोड़ रुपये की बाजार पूंजी वाली कंपनी को अपने नियंत्रण में ले लिया।’’

उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2022 में इस कंपनी का कारोबार शून्य था, लेकिन 2023-24 तक इसकी आय 344.1 करोड़ रुपये हो गई।

रमेश ने यह भी कहा कि अदाणी के कारोबार की बदौलत डायमंड पावर इंफ्रा लिमिटेड का मूल्य अब 7,626 करोड़ रुपए है यानी मूल्यांकन में सात गुना वृद्धि हुई है।

कांग्रेस नेता का कहना है, ‘‘बहनोई के स्वामित्व वाली कंपनी के साथ लेनदेन संबंधित-पार्टी सौदों की श्रेणी में नहीं आते हैं। इसलिए अदाणी समूह की 10 सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियां और डायमंड पावर की वार्षिक रिपोर्ट उनके मालिकों के बीच पारिवारिक संबंधों का खुलासा नहीं करती हैं। यह हमारे नियामक ढांचे में एक बड़ी खामी है। यह ठीक उसी तरह है जैसे भारत के वित्तीय बाजार नियामक सेबी की ईमानदारी और स्वतंत्रता भी गंभीर सवालों के घेरे में है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मोदानी महाघोटाले में एक जेपीसी का गठन हर गुजरते दिन के साथ और अधिक आवश्यक होता जा रहा है, ताकि व्यापक रूप से फैले भ्रष्टाचार, एकाधिकार और देश के नियामक में जो खामियां हैं उनका पता लगाया जा सके।’’

हक

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