Tauktae Cyclone: भीषण चक्रवाती तूफान में फंसकर अरब सागर में डूबे बजरे (बार्ज) से लापता हुए 75 लोगों में से करीब 22 की मौत की पुष्टि हो चुकी है. मामले की प्रत्यक्ष तौर पर जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी है. एक सूत्र ने बताया, “22 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं और उन्हें तट पर ले आया गया है. उन्होंने बताया कि 53 लोग अब भी लापता हैं. बजरा ‘पप्पा 305’ में 261 लोग मौजूद थे जब इस हफ्ते की शरुआत में यह तूफान में फंस गया था. इनमें से 186 लोगों को बचा लिया गया था.
इस बजरे के साथ-साथ चक्रवात से प्रभावित दो अन्य बजरों को ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ओएनजीसी) से मिले करार के तहत एफकॉन ने तैनात किया था. सूत्रों ने बताया कि भारतीय नौसेना और तटरक्षक नौकाएं एवं हेलिकॉप्टर के साथ-साथ ओएनजीसी के पोत जीवितों की तलाश कर रहे हैं.
तूफान में डूबे पी-305 और दो अन्य निर्माण बजरों के लंगर उखड़ गए और ये फिसलते चले गए. इन तीन बजरों पर काम कर रहे करीब 600 कर्मचारी एफकॉन के हैं. यह भी पढ़े: Cyclone Tauktae: चक्रवात ‘तौकते’ के कारण कई पेड़ गिरे, स्थानीय लोगों ने पक्षियों और तोतों को बचाया
इन बजरों के अलावा, ओएनजीसी का ऑयल ड्रिलिंग रिग ‘सागर भूषण’ भी अपने स्थान से खिसक गया था. रिग में 101 लोग थे. सूत्रों ने बताया कि 'जीएएल कंस्ट्रक्टर' में मौजूद सभी 137 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. वहीं ‘सपोर्ट स्टेशन-3’ बजरे में सवार 201 लोगों को और ओएनजीसी के ‘सागर भूषण’ को भी सुरक्षित तट पर ले आया गया है.
चक्रवात ताउते सोमवार रात गुजरात तट पर टकराया जहां कई तेल एवं गैस प्रतिष्ठान हैं. तट से दूर जहां तेल एवं गैस उत्पादन क्षेत्र हैं वहीं तट पर दो बड़ी रिफाइनरी एवं कुछ बेहद व्यस्ततम बंदरगाह हैं. गुजरात में 1998 में आए चक्रवात जितनी तीव्रता के साथ आया यह तूफान बाद में कमजोर पड़ गया.
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