नयी दिल्ली, सात जुलाई भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) सात साल के लंबे अंतराल के बाद आगामी सितंबर में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन करेगा जिसकी मेजबानी के लिए गुजरात ने हामी भरी है।
इन खेलों की तारीखों की अभी घोषणा नहीं हुई है लेकिन केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने महज दो महीने के समय में मेजबानी के लिए तैयार होने पर गुजरात की प्रशंसा की।
ठाकुर ने गुरुवार को यहां राष्ट्रमंडल खेलों के लिए किट (पोशाक) अनावरण और खिलाड़ियों के विदाई समारोह के लिये आयोजित कार्यक्रम के मौके पर कहा, ‘‘ एशियाई खेलों के स्थगित होने के बाद केन्द्र सरकार ने आईओए से राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन पर विचार करने के लिए कहा और गुजरात इसकी मेजबानी के लिए तैयार हुआ। ’’
चीन में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के कारण एशियाई खेलों के आयोजन को एक साल लिए टाल दिया गया है।
ठाकुर ने कहा, ‘‘ खेलो इंडिया युवा खेलों और विश्वविद्यालय खेलों की सफलता के बाद हमने इसे आगे बढ़ने का फैसला किया और जमीनी स्तर के अधिक टूर्नामेंटों के आयोजन की योजना की बनायी। इससे भारत में ही खिलाड़ियों को अच्छा अनुभव मिल सकता है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ 2015 के बाद आईओए राष्ट्रीय खेल का आयोजन नहीं कर पाया है क्योंकि इसमें किसी राज्य की भागीदारी होती है। किसी ना किसी परेशानी के कारण यह नहीं हो पा रहा था तो हमने एशियाई खेलों के समय इसे आयोजित करने का अनुरोध किया। आईओए ने इसके लिए हामी भरी और गुजरात मेजबानी के लिए तैयार हुआ। हम गुजरात के शुक्रगुजार है क्योंकि महज दो महीने में इस स्तर के आयोजन की मेजबानी करना आसान नहीं होता।’’
राष्ट्रीय खेलों के 15 वें सत्र का आयोजन 2015 में केरल में हुआ था और इसके 16वें सत्र की मेजबानी गोवा को दी गयी है। लेकिन पहले तैयारियों में कमी के कारण इसका आयोजन टला और फिर कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। इसका आयोजन कब होगा इस पर अभी कोई स्पष्टता नहीं है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजनों की मेजबानी के बारे में पूछे जाने पर खेल मंत्री ने कहा कि भारत हर तरह के बड़े खेल आयोजन के लिए तैयार है लेकिन इसके लिए संबंधित खेल संघ को पहल करनी होगी।
ठाकुर ने कहा, ‘‘ केन्द्र सरकार हर तरह के अंतरराष्ट्रीय खेल की मेजबानी में मदद के लिए तैयार है। यह खेल संघों को निर्णय लेना है कि वे किस चैम्पियनशिप की मेजबानी करना चाहता है।’’
उन्होंने शतरंज ओलंपियाड का उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘ शतरंज ओलंपियाड के लिए शतरंज महासंघ से अनुरोध आया तो हमने बहुत कम समय में उसे अनुमति दी और यह पहली बार हुआ जब शतरंज मशाल रिले का आयोजन किया। इस रिले का शानदार अनुभव रहा जिसमें लाखों की संख्या खिलाड़ियों, प्रशंसकों ने इसका का स्वागत किया और शतरंज को बढ़ावा दिया। ’’
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