नयी दिल्ली, 14 जनवरी थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय सेना सीमाओं पर यथास्थिति में ‘एकपक्षीय’ बदलाव के किसी भी प्रयास के खिलाफ दृढ़ता से खड़ी रहेगी और अमन-चैन की उसकी इच्छा को कमजोरी के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।
चीन के साथ लद्दाख में गतिरोध की पृष्ठभूमि में सेना प्रमुख का यह बयान आया है।
सेना दिवस की पूर्व संध्या पर शुक्रवार को आकाशवाणी पर प्रसारित संदेश में जनरल नरवणे ने कहा कि सेना बातचीत के जरिये विवादों के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने यह भी कहा कि सेना शत्रुओं की साजिश का त्वरित और निर्णायक जवाब देने में सक्षम रही है और उसी समय उसने पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध को और बढ़ने से भी रोका है।
पाकिस्तान से सीमापार आतंकवाद का जिक्र करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि सेना भारत के हितों की रक्षा के लिए आतंकवाद के स्रोत पर ही हमला करने में संकोच नहीं करेगी।
जनरल नरवणे ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने, मजबूत अनुशासन और दक्ष पेशेवर कार्यशैली पर आधारित सेना का सैन्य चरित्र उभरते भारत की आकांक्षाओं को पूरा करने में बल को शक्ति प्रदान करता रहेगा।
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