Good News: यहां पेंशन के लिए लाभार्थियों की संख्या सीमा समाप्त, अब सभी को मिलेगा फायदा
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार को कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ जन-जन को मिले यही उनका संकल्प है तथा राज्य सरकार ने सार्वभौमिक पेंशन योजना शुरू की है जिसमें पेंशन के लिए लाभार्थियों की संख्या सीमा समाप्त कर दी गई है.
झारखंड (Jharkhand) के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने शनिवार को कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ जन-जन को मिले यही उनका संकल्प है तथा राज्य सरकार ने सार्वभौमिक पेंशन योजना शुरू की है जिसमें पेंशन के लिए लाभार्थियों की संख्या सीमा समाप्त कर दी गई है. सोरेन ने यहां अपने पैतृक गांव का दौरा करने के दौरान कहा कि राज्य सरकार ने 60 साल से ज्यादा उम्र के सभी बुजुर्गों को पेंशन देने का सरकार निर्णय लिया है. 7th Pay Commission: नए साल में केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगी गुड न्यूज, सैलरी में होगी भारी बढ़ोतरी
उन्होंने कहा कि आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार अभियान चलाया जा रहा है जिसके तहत राज्य के गांव गांव में शिविर लगाकर लोगों की समस्याओं का समाधान करने के साथ विकास और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले पात्र होने के बाद भी कई जरूरतमंदों और गरीबों को विभिन्न पेंशन योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था, इस वजह से सरकार ने सार्वभौमिक पेंशन योजना शुरू की है जिसमें इसमें पेंशन के लिए लाभार्थियों की संख्या सीमा समाप्त कर दी गई है . उन्होंने कहा कि 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी बुजुर्गों को पेंशन देने का सरकार निर्णय लिया है तथा इस योजना के तहत सभी विधवाओं, परित्यक्ता और दिव्यांगों को भी पेंशन मिलेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी सुदूर इलाकों में रहने वाले लोगों को नहीं होती है. इस वजह से वे इन योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं. ऐसे ही लोगों को जागरूक करने और योजनाओं से जोड़ने के लिए आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान से जुड़कर आप राज्य के विकास में सहभागी बनें.’’
सोरेन ने कहा कि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना और लोगों की आय में वृद्धि सरकार की विशेष प्राथमिकता है.
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सोना सोबरन धोती -साड़ी योजना के 10, प्रधानमंत्री आवास योजना के 10, मनरेगा शेड के पांच, मुख्यमंत्री पशुधन योजना के 10 लाभार्थियों के बीच सांकेतिक रूप से परिसंपत्तियों का वितरण किया.