नयी दिल्ली, 21 अक्टूबर कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पी एम प्रसाद ने सोमवार को कहा कि कोकिंग कोयले के आयात को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने हालांकि कहा कि इसके कुछ हिस्से को कम किया जा सकता है।
कोकिंग कोयले का इस्तेमाल कोक का उत्पादन करने के लिए किया जाता है, जो इस्पात बनाने की प्रक्रिया में एक प्रमुख घटक है।
एमजंक्शन सर्विसेज लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार, 2023-24 में भारत का कोयला आयात 26.82 करोड़ टन था, जिसमें 5.72 करोड़ टन कोकिंग कोल और 17.59 करोड़ टन गैर-कोकिंग कोल शामिल है।
सीआईएल प्रमुख ने एक कार्यक्रम में कहा कि कोकिंग कोयले के आयात को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता है, हालांकि इसके कुछ हिस्से को कम किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि अगर इसका घरेलू उत्पादन बढ़ता है, तो भी इसके आयात को कम करना आसान नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि अगले चार से पांच साल में 1.5 अरब टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करना छोटी बात नहीं है और इसके लिए खनन परिचालकों एवं विकासकर्ताओँ (एडीओ) को खनन परियोजनाएं आवंटित करनी होंगी।
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